Leg Revascularization: लेग एंजियोप्लास्टी एक मेडिकल ट्रीटमेंट है जिसका संबंध हमारे पैरों से होता है, इसकी जरूरत क्यों पड़ती है और इसकी प्रकिया क्या है? आइए डिटेल से जानने की कोशिश करते हैं.
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What Is Leg Angioplasty: एंजियोप्लास्टी के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा, लेकिन आपको पता है लेग एंजियोप्लास्टी क्या होती है? IHBAS अस्पताल दिल्ली के पूर्व रेजिडेंट डॉ. इमरान अहमद (Dr. Imran Ahmed) बताया कि पैरों की एंजियोप्लास्टी को 'लोअर एक्सट्रीमिटी रिवास्कुलराइजेशन' के नाम से भी जाना जाता है. ये एक मेडिकल प्रोसीजर है जिसे पैरों की धमनियों में संकुचन या ब्लॉकेज को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये कंडीशन अक्सर फैटी प्लाक के जमा होने के कारण होती है, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है. इस प्रक्रिया को या तो ओपन सर्जरी या मिनमली इनवेसिव एंडोवास्कुलर तकनीकों की मदद से किया जा सकता है. इसका असल मकसद रुकावट को दूर करना या ब्लड फ्लो के लिए एक अल्टरनेटिव रूट तैयार करना है, जिससे सर्कुलेशन में सुधार होता है और लक्षणों को कम किया जाता है.
लेग रिवास्कुलराइजेशन के प्रकार
लेग रिवास्कुलराइजेशन में कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट, एथेरेक्टॉमी, बाईपास सर्जरी और एंडाटेरेक्टोमी शामिल हैं. ये तरीके मरीज की स्थिति के आधार पर तय किए जाते हैं. इस तकनीकों के जरिए कई कामों को अंजाम दिया जाता है, जैसे- नैरो अर्टरी को चौड़ा करना, स्टेंट के जरिए इसे खोल देना, प्लाक को हटा देना, ब्लड फ्लो को रीरूट करना, यानी किसी भी तरह से ब्लड फ्लो को सुचारु रूप से चलाना वगैरह.
लेग रिवास्कुलराइजेशन की जरूरत क्यों पड़ती है?
पैरों की रिवास्कुलराइजेशन उन लोगों के लिए जरूरी हो जाती है जो पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral Artery Disease) से पीड़ित होते हैं, जिसके कारण धमनियों के संकुचित होने से पैरों में ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है. हालांकि शुरुआत में दवा और लाइफस्टाइल में चेंजेज जैसे नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट की सलाह दी जाती है, गंभीर दर्द या न भरने वाले घावों की विशेषता वाले क्रिटिकल लिम्ब इस्केमिया के मामलों में सर्जिकल इलाज की जरूरत हो सकती है.
रिवास्कुलराइजेशन से पहले की तैयारी
पैरों की रिवास्कुलराइजेशन से गुजरने से पहले, मरीजों का धमनी रोग की गंभीरता का आकलन करने के लिए, साथ ही संबंधित जोखिमों और उनके ओवरऑल हेल्थ कंडीशन का आकलन करने के लिए एक कंप्रिहेंसिव इवैलुएशन किया जाता है. सर्जिकल रिजल्ट को सुनिश्चित करने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन और मेडिकल हिस्ट्री का एसेसमेंट समेत कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं. लेग एंजियोप्लास्टी से उबरने में आमतौर पर 6 से 8 हफ्ते लगते हैं, इस दौरान प्रभावित अंग में सूजन हो सकती है जो धीरे-धीरे कम हो जाती है क्योंकि यहां ब्लड फ्लो नॉर्मल हो जाता है.
कितना खर्च आ सकता है?
भारत में लेग एंजियोप्लास्टी का खर्च कई फैक्टर्स पर डिपेंड करता है, जैसे कि अस्पताल, स्थान, प्रक्रिया की जटिलता और कोई एडिशनल मेडिकल कॉस्ट. इसमें अनुमानित लागत 1.5 लाख से लेकर 5 लाख तक आ सकता है. इसमें ट्रीटमेंट का खर्च, बेड चार्ज, सर्जन की फीस, दवाइयां, मेडिकल टेस्ट, फॉलो अप शामिल होते हैं. अगर मरीज को डायबिटीज या कोई और जटिल बीमारी है तो खर्च बढ़ सकता है.
अमिताभ की लेग एंजियोप्लास्टी की खबर झूठी
बीते शुक्रवार को ऐसी खबरें आईं थीं कि मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल में बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की लेग एंजियोप्लास्टी की गई, लेकिन जब बाद में मीडिया ने उनसे इस बारे में पूछा तो एक्टर ने ऐसी खबरों को फेक बताया.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.