पिछले कुछ समय में, मोटापा और डिमेंशिया के बीच संबंध को लेकर काफी चर्चा रही है. कई खबरों में यह दावा किया गया है कि मोटापे से डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है.
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पिछले कुछ समय में, मोटापा और डिमेंशिया के बीच संबंध को लेकर काफी चर्चा रही है. कई खबरों में यह दावा किया गया है कि मोटापे से डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन क्या सच में ऐसा है? हालिया शोधों के नतीजे अभी तक इस लिंक को पूरी तरह से साबित नहीं कर पाए हैं. हालांकि, कुछ अध्ययनों में मोटापे और डिमेंशिया के जोखिम कारकों के बीच समानता जरूर देखी गई है.
मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं अक्सर साथ मिलकर चलती हैं. ये सभी फैक्टर दिमाग की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मोटापा सीधे तौर पर डिमेंशिया का कारण बनता है. यह संभव है कि ये सभी फैक्टर एक जटिल जाल का हिस्सा हों जो अंततः डिमेंशिया की ओर ले जाते हैं.
एक्सपर्ट की क्या राय?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापे से जुड़ी सूजन (inflammation) डिमेंशिया के विकास में भूमिका निभा सकती है. वहीं कुछ अन्य का कहना है कि मोटापा दिमाग तक खून के फ्लो को प्रभावित कर सकता है, जिससे दिमाग की सेल्स को नुकसान पहुंचता है. हालांकि, अभी और शोध की जरूरत है यह समझने के लिए कि क्या मोटापा वास्तव में डिमेंशिया का कारण बनता है और यदि हां, तो यह कैसे होता है.
कैसे कम करें खतरा?
अभी के लिए, यह कहना मुश्किल है कि मोटापा सीधे तौर पर डिमेंशिया का कारण बनता है. हालांकि, हेल्दी वजन बनाए रखना और डिमेंशिया के अन्य रिस्क फैक्टर को कंट्रोल करना पूरी सेहत के लिए फायदेमंद होता है. यहां कुछ चीजें हैं जो आप डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए कर सकते हैं.
- बैलेंस डाइट लें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट शामिल हों.
- शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहने के लिए नियमित व्यायाम करें.
- धूम्रपान दिमाग की सेहत के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकता है.
- तनाव और डिप्रेशन डिमेंशिया के रिस्क फैक्टर हो सकते हैं. अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना जरूरी है.
निष्कर्ष
हमें यह याद रखना चाहिए कि डिमेंशिया एक खतरनाक बीमारी है और इसके कई कारण हो सकते हैं. अभी और शोध की जरूरत है यह समझने के लिए कि मोटापा डिमेंशिया से कैसे जुड़ा हुआ है. हालांकि, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना न केवल डिमेंशिया के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है बल्कि पूरे सेहत के लिए भी फायदेमंद है.