भारत एक ट्रॉपिकल देश है, जहां सालभर भरपूर धूप मिलती है. इसके बावजूद भारतीयों में विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ रही है. यह स्थिति हैरान करने वाली है.
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Vitamin-d deficiency in Indians: भारत एक ट्रॉपिकल देश है, जहां सालभर भरपूर धूप मिलती है. इसके बावजूद भारतीयों में विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ रही है. यह स्थिति हैरान करने वाली है, लेकिन इसके पीछे शहरी जीवनशैली, सांस्कृतिक आदतें और पर्यावरणीय कारण बड़ी भूमिका निभाते हैं.
2024 में साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दक्षिण भारत के शहरी क्षेत्रों में वयस्कों में विटामिन डी की कमी आम है. उत्तरी भारत में हुए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि 50 साल से अधिक उम्र के 91.2% स्वस्थ वयस्कों में विटामिन डी की भारी कमी है. 2023 में टाटा 1mg लैब्स द्वारा किए गए सर्वे में यह फैक्ट्स सामने आया कि हर तीन में से एक भारतीय विटामिन डी की कमी से जूझ रहा है. युवा आबादी (25 वर्ष से कम उम्र) में यह आंकड़ा 84% तक पहुंच गया है, जबकि 25-40 आयु वर्ग में यह 81% था.
कम धूप और अन्य कारण
* डॉक्टरों के अनुसार, शहरी इलाकों में लोग अधिकांश समय घर या ऑफिस के अंदर बिताते हैं, जिससे उनकी त्वचा को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती. इसके अलावा, भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने का चलन भी धूप से संपर्क को कम कर देता है.
* सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का अधिक उपयोग और प्रदूषण भी विटामिन डी कमी का बड़ा कारण है. धूल, धुआं और स्मॉग धूप की यूवीबी किरणों को ब्लॉक करते हैं, जो त्वचा में विटामिन डी के निर्माण के लिए आवश्यक हैं.
* भारतीयों की त्वचा में अधिक मेलानिन होता है, जिससे उन्हें हल्की त्वचा वाले लोगों की तुलना में अधिक समय तक धूप में रहना पड़ता है. इसके अलावा, भारतीय भोजन में विटामिन डी से भरपूर फूड, जैसे मछली, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स की कमी होती है.
विटामिन डी क्यों है जरूरी?
विटामिन डी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और सेहत के लिए बेहद जरूरी है. इसकी कमी से थकान, जोड़ों का दर्द, बार-बार बीमार पड़ना और मूड खराब होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक कमी से डायबिटीज, कैंसर और रिकेट्स जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
समाधान के सरल उपाय
* सुबह 8 से 11 बजे के बीच 15-30 मिनट धूप में बिताएं.
* अपने आहार में विटामिन डी से भरपूर फूड जैसे सैल्मन, मैकेरल और फोर्टिफाइड अनाज शामिल करें.
* डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स लें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.