हमारा रक्त धमनियों (रक्तवाहिकाओं) में बहता है और इसी की मदद से शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है.
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नई दिल्ली: कॉलेस्ट्रोल कई मायनों में मनुष्य के लिए आवश्यक है लेकिन कॉलेस्ट्रोल की मात्रा शरीर में बढ़ जाने के कारण आपको हृदय संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. कॉलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होने के कारण यह धमनियों में प्लाक के रूप में जमा होने लगता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं. धमनियों के संकरे होने के कारण कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं. इससे आपको हार्ट अटैक भी हो सकता है और आपकी जान भी जा सकती है. तो चलिए आपको बताते हैं क्यों खतरनाक होता है शरीर में कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना.
कॉलेस्ट्रोल बढ़ने के कारण
- अधिक तेलयुक्त आहार लेना
- पोलीअनसेच्युरेटेड फैटी एसिड का अधिक मात्रा में सेवन करना
- सिगरेट पीने वालों को भी ये समस्या हो सकती है.
सख्त हो जाती हैं धमनियां
हमारा रक्त धमनियों (रक्तवाहिकाओं) में बहता है और इसी की मदद से शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है. धमनियों के अंदरूनी हिस्से में लाइनिंग होती है, जिसे इंडोथीलियम कहा जाता है लेकिन कॉलेस्ट्रोल की अधिकता के कारण यह सख्त होने लगती हैं. सिर्फ कॉलेस्ट्रोल ही नहीं, हाई ब्लड प्रेशर या चोट लगने के कारण भी धमनियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है
कॉलेस्ट्रोल बढ़ने से धमनियों में जमा होने वाले प्लाक के कारण सबसे ज्यादा खतरा हृदय और मस्तिष्क को होता है. कॉलेस्ट्रोल के कारण इन दो महत्वपूर्ण अंगों तक खून ठीक से नहीं पहुंच पाता है, जिससे व्यक्ति के लिए जानलेवा स्थिति पैदा हो जाती है.
स्ट्रोक होने का खतरा
धमनियों में प्लाक के कारण मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह में दिक्कतें आती हैं. नतीजतन स्ट्रोक होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. मस्तिष्क को प्रभावित करने वाला स्ट्रोक रक्त वाहिकाओं में रुकावट या रक्त वाहिका फट जाने की वजह से हो सकता है.
पाचनतंत्र होता है प्रभावित
कॉलेस्ट्रोल पित्त में असंतुलन बना देता है जिससे कि पित्त में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है. नेशनल डाइजेस्टिव डीजीज इन्फोर्मेशन क्लियरिंगहाउस के मुताबिक 80 फीसदी गैलस्टोन कॉलेस्ट्रोल स्टोन ही होते हैं.
पैरों में हो सकती है समस्याएं
यदि कॉलेस्ट्रोल बढ़ जाए तो हमें सहज चलने फिरने में दिक्कतें महसूस होने लगती हैं. कॉलेस्ट्रोल शरीर में रक्त के प्रवाह में बाधा बनता है इसलिए कॉलेस्ट्रोल बढ़ने पर अक्सर शरीर के अंगों तक ऑक्सीजनयुक्त खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे उस अंग में झुनझुनी या सिहरन जैसा महसूस होने लगता है.
अक्सर हाथ-पैर को दबाकर लेटने या बैठने से भी नसों में रक्त का प्रवाह जब कम हो जाता है, तब भी आप ऐसी झुनझुनी या सिहरन महसूस कर सकते हैं लेकिन अगर यह बिना कारण हो, तो समझें आपका कॉलेस्ट्रोल बढ़ गया है और अपना कॉलेस्ट्रोल लेवल तुरंत चेक करवाएं.