Covid-19: 6 मिनट का वॉक टेस्ट क्या है और कोरोना के मरीजों के लिए ये क्यों जरूरी है, यहां जानें
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Covid-19: 6 मिनट का वॉक टेस्ट क्या है और कोरोना के मरीजों के लिए ये क्यों जरूरी है, यहां जानें

कोरोना वायरस संक्रमण का आपके फेफड़ों पर कैसा असर हुआ है और वे सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं, इसका पता लगाने में 6 मिनट वॉक टेस्ट आपकी मदद कर सकता है. ये क्या है और कैसे किया जाता है, यहां जानें.

इसलिए जरूरी है 6 मिनट वॉक टेस्ट

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) के बीच इन दिनों देश भर के अस्पतालों में बेड और मेडिकल ऑक्सीजन (Medical oxygen) की सबसे ज्यादा कमी हो रही है. अब तक देश के कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी (Oxygen shortage) की वजह से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में मेडिकल एक्सपर्ट्स और डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को 6 मिनट वॉक टेस्ट (6 min walk test) करने की सलाह दे रहे हैं ताकि उनके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कितना है, इसका पता लगाया जा सके.

  1. 6 मिनट वॉक टेस्ट से जानें अपने फेफड़ों का हाल
  2. शरीर में ऑक्सीजन की कमी का संकेत देगा ये टेस्ट
  3. होम आइसोलेशन वाले मरीज इसे 2-3 बार जरूर करें

6 मिनट वॉक टेस्ट से जानें फेफड़ों का हाल

कोरोना वायरस संक्रमण का आपके फेफड़ों पर कैसा असर हुआ है (Effect on lungs) और वे सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं इसका पता लगाने में यह 6 मिनट वॉक टेस्ट आपकी मदद कर सकता है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर और पुणे में तो स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना से संक्रमित मरीजों (Corona patients in home isolation) के लिए इस 6 मिनट वॉक टेस्ट को रोजाना दिन में दो बार करना अनिवार्य कर दिया है. तो आखिर ये 6 मिनट का वॉक टेस्ट है क्या और ये कैसे आपकी सेहत का हाल बता सकता है, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.

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क्या है ये 6 मिनट वॉक टेस्ट?

डॉक्टरों की मानें तो होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना के मरीजों को अपने ऑक्सीजन लेवल को समय समय पर चेक करते रहना चाहिए और इसमें 6 मिनट वॉक टेस्ट उनकी मदद कर सकता है. इसके लिए सबसे पहले मरीज अपने ऑक्सीजन के लेवल को Pulse Oximeter के जरिए नापता है. उसके बाद कमरे में ही बिना रुके 6 मिनट के लिए वॉक करता है (Walk for 6 mins in room) और फिर से अपने ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल (Oxygen saturation level) की जांच करता है. ध्यान रखें कि ऑक्सीजन का लेवल 93% से कम न हो. अगर पहली रीडिंग और वॉक करने के बाद की रीडिंग में 3 प्रतिशत से ज़्यादा गिरावट दिखती है, तो डॉक्टर से सलाह लें. यह फेफड़ों की समस्या या शरीर में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है.

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होम आइसोलेशन वाले मरीज 2-3 बार ये टेस्ट करें

शरीर में ऑक्सीजन के लेवल की जांच करने के लिए मरीज को रोजाना दिन में 2 से 3 बार इस टेस्ट को करना चाहिए. डॉक्टरों की मानें तो होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीज जिनमें हल्के लक्षण हैं (Mild symptoms) उन्हें भी नियमित रूप से अपने ऑक्सीजन लेवल की जांच करनी चाहिए क्योंकि कई बार ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाने के बाद भी मरीज में कोई लक्षण नहीं दिखते और अचानक से स्थिति गंभीर हो जाती है. इस 6 मिनट वॉक टेस्ट को कोरोना के लक्षण शुरू होने के 5वें दिन से लेकर 12वें दिन तक हर रोज करना चाहिए.

(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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