ये है वो 1 आसन, जो देगा 9 जबरदस्त फायदे, महिलाओं के लिए है बेहद खास, बस जान लीजिए आसान विधि
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ये है वो 1 आसन, जो देगा 9 जबरदस्त फायदे, महिलाओं के लिए है बेहद खास, बस जान लीजिए आसान विधि

Benefits of Sarvangasana: इस खबर में हम आपके लिए सर्वांगासन आसन के बारे में जानकारी दे रहे हैं. 

Benefits of Sarvangasana

Benefits of Sarvangasana: शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत फायदेमंद है. नियमित रूप से योग करने से व्यक्ति तंदुरुस्त रहता है और बीमारियों से बचता है. इस खबर में हम आपके लिए सर्वांगासन के फायदे लेकर आए हैं. यह एक ऐसा आसन है, जिसे आप घर पर आराम से कर सकते हैं. 

क्या है सर्वांगासन (Benefits of Sarvangasana)
सर्वांगासन का अर्थ उसके नाम से ही समझा जा सकता है कि यह एक ऐसा आसन जो सभी अंगों के लिए बना है. यदि आप कसरत नहीं कर पाते हैं या योग करने के लिए भी ज्यादा समय आपके पास नहीं होता है तो दिन में एक बार सर्वांगासन का अभ्यास अवश्य करें. सर्वांगसन करने के कई सारे लाभ हैं। 

सर्वांगासन करने का तरीका (way to do sarvangasana)

  • सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं
  • फिर अपने पैर, कूल्हे और  कमर को उठाएं
  • इस दौरान सारा भार अपने कन्धों पर ले लें.
  • पीठ को अपने हाथों से सहारा दें ताकि संतुलन न बिगड़े.
  • कोहनियों को जमीन पर टिकाते हुए हाथों को कमर पर रखें
  • अब कमर और पैरों को पूरी तरह सीधा रखें
  • पैरों की उंगलियों को नाक की सीध में ले आएं.
  • लंबी गहरी सांस लें और  30 सेकण्ड तक आसन में रहें.
  • इसके बाद आप वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं.

सर्वांगासन के जबरदस्त लाभ (Amazing benefits of Sarvangasana)

  1. इस आसन का अभ्यास थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है.
  2. दिल की मासपेशियां सक्रिय होती हैं.
  3. ये शुद्ध रक्त को दिल तक पहुंचाने में मददगार है.
  4. इसके अभ्यास से बांझपन और गर्भपात जैसी समस्याएं दूर होती हैं.
  5. खास बात ये है कि यह मासिक धर्म संबंधी परेशानियां दूर करता है.
  6. इसके अभ्यास कब्ज से राहत देकर पाचन क्रिया सक्रिय बनाता है.
  7. थकान और दुर्बलता को दूर करने में भी यह आसन लाभकारी है.
  8. इसके नियमित अभ्यास हाथ, कंदे और पीठ को अधिक लचीला बनाता है.
  9. पेट की चर्बी और मोटापा कम करने में भी यह सहायता करता है. 

सर्वांगासन के दौरान बरते ये सावधानियां?

  • दस्त, सिरदर्द, हाई बीपी की समस्या होने पर इसका अभ्यास न करें
  • अगर आपको माहवारी या गर्दन में चोट है तो इसके अभ्यास से बचें
  • ध्यान रखें कि इसे शुरुआत में किसी गुरु के निर्देशन में ही करें.
  • सबसे जरूरी बात ये है कि शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें.

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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​

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