1984 सिख दंगा: SC में सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, अब होगा नई बेंच का गठन
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1984 सिख दंगा: SC में सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, अब होगा नई बेंच का गठन

सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी हुई है, जिसमें सज्जन को कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : 1984 सिख दंगा मामले के दोषी सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है. सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को इस मामले की सुनवाई करनी थी, लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. अब इस मामले की सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन किया जाएगा. 

सीबीआई से कोर्ट ने मांगा था जवाब
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार की अपील और जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा था. सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी हुई है, जिसमें हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके अलावा कोर्ट ने सज्जन कुमार पर 5 का जुर्माना भी लगाया था. हाईकोर्ट ने बाकी 5 दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया था, जिनमें बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद जबकि महेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा 3 से 10 साल बढ़ा दी थी.

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एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हुई थी हत्या
जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि 1947 में विभाजन के समय हुए नरसंहार के 37 साल बाद फिर हजारों लोगों की हत्या हुई और पीएम की हत्या के बाद एक समुदाय को निशाना बनाया गया. हत्यारों को राजनीतिक संरक्षण था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली कैंट के राज नगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गई थी.

गौरतलब है कि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. वहीं कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अफसर कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा और बाकी दो दोषियों पूर्व MLA महेंद्र यादव, किशन खोखर को 3 साल की सजा सुनाई थी. जबकि कांग्रेस नेता सज्जन कुमारकोबरी कर दिया गया था. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी. वहीं सीबीआई ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ अपील की थी.

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