2000 Note Exchange: 2000 का नोट चलन से बाहर, अब क्या करें, कैसे बदलें? जानें हर सवाल का जवाब
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2000 Note Exchange: 2000 का नोट चलन से बाहर, अब क्या करें, कैसे बदलें? जानें हर सवाल का जवाब

RBI Guidelines: 2000 रुपये के नोटों (2000 Rupees Note) चलन से बाहर हो गया है. 30 सितंबर तक आप अपने 2000 के नोट बदल सकते हैं. जानिए आप अपने 2000 के नोट कहां से बदल सकते हैं.

2000 Note Exchange: 2000 का नोट चलन से बाहर, अब क्या करें, कैसे बदलें? जानें हर सवाल का जवाब

2000 Note Latest News In Hindi: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऐलान किया है कि वो 2000 रुपये का नोट सर्कुलेशन से वापस ले रहा है. हालांकि ये नोट अवैध या अमान्य नहीं होंगे यानी जिनके पास 2 हजार रुपये के नोट हैं, वो इन नोटों को 30 सितंबर 2023 तक बदल सकेंगे. 2 हजार का नोट 8 नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के बाद मार्केट में उतारे गए थे. 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी के एक ऐलान के बाद 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. और RBI के अनुसार 500 और 1,000 के इन नोटों को बंद करने के बाद करंसी की जो कमी पैदा हुई थी, उसे तत्काल पूरा करने के लिए 2,000 रुपये के नोटों को छापा गया था. आरबीआई (RBI) के अनुसार 500, 100 और 200 के नोटों के पर्याप्त संख्या में सर्कुलेशन में आने के बाद 2,000 के नोटों को बंद कर दिया जाना था. RBI के अनुसार सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी लगातार घटती जा रही है.

सर्कुलेशन में सिर्फ 10.8% हैं 2000 के नोट

बता दें कि 31 मार्च 2018 में मार्केट में 6 लाख 73 हजार करोड़ रुपये कीमत के 2 हजार रुपये के नोट मौजूद थे और ये कुल करंसी सर्कुलेशन का 37.3 प्रतिशत हिस्सा था जबकि 31 मार्च 2023 को ये कीमत घटकर 3 लाख 62 हजार करोड़ रह गई है. और अब कुल करंसी सर्कुलेशन में 2 हजार के नोटों की हिस्सेदारी घटकर 10.8 प्रतिशत ही रह गई है यानी साढ़े तीन गुना से भी ज्यादा कमी आई है. RBI के अनुसार, वर्ष 2016 में 1,000 और 500 रुपये के जो नोट अमान्य हुए थे. करंसी सर्कुलेशन में उनकी कुल हिस्सेदारी करीब 86 प्रतिशत थी. जबकि अब 2,000 रुपये के जो नोट सर्कुलेशन में मौजूद हैं, वो सिर्फ 10.8 प्रतिशत ही हैं.

कहां-कहां बदले जा सकते हैं 2000 के नोट?

यानी इन नोटों के बाहर होने से लोगों को खास दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि RBI के अनुसार इनका इस्तेमाल पहले से ही काफी कम हो चुका है और ये धीरे-धीरे सर्कुलेशन से बाहर हो रहे थे. RBI ने अपने आदेश में ऐलान किया है कि ये 2,000 रुपये के ये नोट क्लीन नोट पॉलिसी के तहत सर्कुलेशन से बाहर किए जा रहे हैं, लेकिन ये अमान्य नहीं होंगे. और लोग इन्हें 30 सितंबर तक बैंकों में जाकर बदल सकेंगे या जमा करा सकेंगे. नोट बदलने का ये काम इसी 23 मई से किसी भी बैंक की किसी भी ब्रांच में जाकर किया जा सकेगा. RBI के देशभर में मौजूद 19 रीजनल सेंटर्स में भी लोग 2,000 रुपये के अपने नोट बदल सकेंगे. हालांकि एक व्यक्ति, एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये कीमत के नोट ही बदल सकेगा.

RBI ने दिया है ये आदेश

RBI ने बैंको को भी पत्र लिखा है. बैंकों को RBI ने आदेश दिया है कि अब आम लोगों को ATM या CASH WITHDRAWAL में बैंक या उस बैंक का ATM 2000 के नोट नहीं देगा. इसके लिए RBI ने बैंको से ATM को Reconfigure करने का भी आदेश दिया है. साथ ही बैंकों को आदेश दिया है कि ग्रामीण, सुदूर इलाकों में जहां बैंक नहीं है वहां बैंक जरूरी पड़ने पर मोबाइल वैन के सहारे नोट बदलवाने में लोगों की मदद करेंगे.

क्यों चलन से बाहर हुआ 2000 का नोट?

ब्लैक मनी को भी 2,000 रुपये के नोट बंद करने के पीछे एक बड़ी वजह बताया जा रहा है. अब हम जानकारों से समझेंगे कि क्या गुलाबी रंग के इस 2,000 रुपये के नोट की वजह से काला धन बढ़ रहा था. अपने एक्सपर्ट के पास पहुंचने से पहले हम आपको कुछ आंकड़े भी दिखाएंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि RBI ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6,849 करोड़ नोट छापे थे, लेकिन अब उनमें से 1,680 करोड़ से ज्यादा नोट सर्कुलेशन से गायब हैं और इन गायब नोटों की कुल कीमत 9.21 लाख करोड़ रुपये है.

ब्लैक मनी पर स्ट्राइक!

और कहा जा रहा है कि ये गायब नोट ब्लैक मनी के रूप में मौजूद हो सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक हुई छापेमारी में जो काला धन बरामद हुआ, उसमें बड़ा हिस्सा 2,000 के नोटों का ही था. 8 नवंबर वर्ष 2016 को रात के ठीक 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिया गया, देश के नाम संबोधन, कोई नहीं भूल सकता है. ये वो दिन था, जब अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया था. ये वो दिन था जब 500 और 1000 रुपये के नोट मार्केट से हटा दिए गए थे। इसको नाम दिया गया नोटबंदी. आज रात ठीक 12 बजे के बाद से 500 और 100 रुपये को नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे. नोटबंदी के दौर में जो हाहाकार मचा, उसे लोग भूल नहीं पाते हैं. दरअसल 500 और 1000 रुपये को नोट, LEGAL TENDER नहीं रहे थे. जिसकी वजह से जिन लोगों के पास जितना कैश था, उनके लिए परेशानी उतनी ही बड़ी थी. दरअसल ये सारा कैश उन्हें बैंक में जमा करना था. लोगों की सबसे बड़ी समस्या ये थी, कि उन्हें नए नोट कैसे मिलेंगे.

नोटबंदी के बाद 500 और 2000 रुपये के नए नोट मार्केट में आए. बैंकों और एटीएम से निर्धारित सीमा तक आम जनता को 500 और 2000 रुपये के नोट मिलते थे. नोटबंदी के वक्त नई करेंसी नोट की संख्या इतनी कम थी, कि लोगों की कैश वाली जरूरतें पूरी नहीं हो पाईं. इस वजह से काफी परेशानी हुई. जहां तक 2000 रुपये के नोट की बात है, तो इस नोट को छापने का काम RBI ने वर्ष 2016 में ही किया था. RBI का मानना था कि नोटबंदी के बाद लोगों की कैश की जरूरत के लिए सबसे कामयाब 2000 रुपये का नोट ही होगा. वर्ष 1978 के बाद, ये 2000 रुपये का नोट ही, देश की सबसे बड़ी करेंसी थी. वर्ष 1978 से पहले देश में सबसे बड़ा करेंसी नोट 10 हजार रुपये का था, जिसे वर्ष 1938 में छापा गया था. नोटबंदी के समय RBI मान रही थी कि जो लोग पैसा जमा करेंगे, उनके एवज में उन्हें 2000 रुपये के नोट देकर, उनकी जरूरत को तुरंत पूरा कर दिया जाएगा.

इसलिए RBI ने 2000 रुपये के 370 करोड़ से ज्यादा नोट छापे थे. वर्ष 2016 में RBI ने 354 करोड़ 29 लाख नोट छापे थे. इसकी कीमत करीब 7 लाख 8 हजार करोड़ रुपये थी. वर्ष 2017 में 11 करोड़ 15 लाख नोट छापे गए, इनकी कीमत करीब 22 हजार 300 करोड़ रुपये थी. इसी तरह से वर्ष 2018 में 2000 रुपये के 4 करोड़ 67 लाख नोट छापे गए थे। इनकी कुल कीमत 9 हजार 340 करोड़ रुपये थी. कुल मिलाकर RBI ने 2000 के 7 लाख 39 हजार रुपये के नोट छापे थे. यानी देखा जाए तो 2000 रुपये के जो नोट छापे गए थे, उनमें से 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पहले ही जारी कर दिए गए थे.

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