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अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की 29वीं बरसी के मौके पर 6 दिसंबर को किसी भी तरह की घटना को टालने के लिए शहर और उसके आसपास शनिवार दोपहर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में कोई विशेष खुफिया अलर्ट नहीं होने के बावजूद सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस कोई जोखिम नहीं उठा रही है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सावधानियां बरती जा रही हैं.
एडीजी लखनऊ जोन, एस.एन. सबत ने कहा, 'हमने अयोध्या में पर्याप्त सुरक्षा बलों को तैनात किया है और सभी सावधानी बरतने के अलावा कोई विशेष खुफिया अलर्ट नहीं है.' उन्होंने कहा, 'किसी भी तरफ से किसी खतरे की आशंका नहीं है और हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं. अब तक शहर में शांति है और SSP स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और IG इलाके की निगरानी के लिए आ रहे हैं.'
ADG ने कहा कि 2 दिन पहले जो फोन आया था, वह गंभीर नहीं था, लेकिन सभी धमकियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. आपातकालीन नंबर 112 पर एक गुमनाम कॉल आई थी, जिसमें अयोध्या शहर और निमार्णाधीन राम मंदिर में सिलसिलेवार विस्फोट करने की धमकी दी गई थी.
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गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था, जिसने देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया. इस मामले में भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, एम.एम. जोशी और अन्य को अदालत ने बरी कर दिया है और मुसलमान इस दिन को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाते हैं तो वहीं भाजपा समर्थक इसे 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाते हैं.
UP के अलावा पुलिस ने तमिलनाडु में भी बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड की मदद से रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट और सार्वजनिक स्थानों पर यात्रियों की तलाशी शुरू कर दी है. रेलवे पुलिस ने भी रेल लाइनों की जांच की. संवेदनशील इलाकों और शहर के पूजा स्थलों पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. पुलिस ने कहा कि इसी तरह की जांच ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जा रही है.
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