संक्रमित पाए गए सभी सांसदों और कर्मचारियों से संसद न आने और पृथक-वास में जाने के लिए कहा गया है. सोमवार से शुरू हुआ मानसून सत्र एक अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान कोविड-19 महामारी को देखते हुए बैठकें दो पालियों में होंगी. राज्यसभा की बैठक सुबह और लोकसभा की बैठक दोपहर को होगी.
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नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) की शुरुआत हो गई. वहीं आज से अपने क्षेत्र की बात रखने संसद पहुंचे 30 सांसदों के कोरोना संक्रमित होने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक सत्र में शामिल होने के लिए की गई कोविड-19 जांच में करीब 30 सांसद और संसद के 50 से अधिक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. गौरतलब है कि सत्र शुरू होने से पहले, सांसदों ओर लोकसभा तथा राज्यसभा के सचिवालयों के कर्मचारियों की आवश्यक कोविड-19 की जांच की गई थी.
कोरोना प्रोटोकॉल में ये इंतजाम
आपको बता दें कि संक्रमित पाए गए सभी सांसदों और कर्मचारियों से संसद न आने और पृथक-वास में जाने के लिए कहा गया है. सोमवार से शुरू हुआ मानसून सत्र एक अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान कोविड-19 महामारी को देखते हुए बैठकें दो पालियों में होंगी. राज्यसभा की बैठक सुबह और लोकसभा की बैठक दोपहर को होगी.
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सेलरी कटौती का विधेयक पेश
लोकसभा में सोमवार को सांसदों के वेतन में एक वर्ष के लिये 30 प्रतिशत कटौती करने वाला एक विधेयक पेश किया गया जिसका उपयोग कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से मुकाबले के लिये किया जायेगा. संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने निचले सदन में संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन संशोधन विधेयक 2020 को पेश किया जो संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन अध्यादेश 2020 का स्थान लेगा. जोशी ने कहा कि वह संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन अधिनियम 1954 में संशोधन करने का विधेयक पेश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि इस अध्यादेश को 6 अप्रैल को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी और यह 7 अप्रैल को लागू हुआ था. वहीं इसमें कहा गया था कि कोरोना महामारी ने त्वरित राहत और सहायता के महत्व को प्रदर्शित किया है और इसलिये महामारी को फैलने से रोकने के लिये कुछ आपात कदम उठाये जाने जरूरी हैं.
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