आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए युवकों में एक एमबीए का छात्र और एक पीएचडी शोधार्थी भी शामिल हैं
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श्रीनगर: कश्मीर घाटी के कम से कम 45 युवक इस साल अप्रैल के मध्य तक आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं जिसमें एक एमबीए का छात्र और एक पीएचडी शोधार्थी भी शामिल हैं. इस संख्या में असामान्य बढोत्तरी ने सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है. जम्मू कश्मीर के सुरक्षा प्रतिष्ठानों के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार , दक्षिण कश्मीर के शोपियां और कुलगाम में यह आंकड़ा 45 युवकों में से क्रमश : 12 और नौ रहा है.
अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर के अन्य क्षेत्रों जहां युवक आतंकवाद की राह पर गए हैं उसमें अनंतनाग ( सात ), पुलवामा ( चार ) और अवंतीपुरा (तीन) शामिल हैं. इसके अलावा बिना सत्यापन वाली खबरों में कहा गया गया है कि पुलवामा के तीन और युवक आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं.
इसी तरह से , उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा से दो , हंडवाड़ा , बांदीपुरा , सोपोर और श्रीनगर से एक एक व्यक्ति हाल में लापता हुए हैं और उनके आतंकवादी संगठनों में शामिल होने का संदेह है. इसमें कश्मीर विश्वविद्यालय का एमबीए डिग्री धारक 26 साल का जुनैद अशरफ सहराई शामिल है. यह मोहम्मद अशरफ सहराई को बेटा है जिसने सैयद अली शाह गिलानी से तहरीक ए हुर्रियत के प्रमुख की जिम्मा संभाला है. तहरीक ए हुर्रियत पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठनों का समूह है.
इस सूची में कुपवाड़ा का रहने वाला 26 साल का पीएचडी शोधार्थी मन्नान बशीर वानी शामिल है. वानी अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र रहा है . अधिकारियों के अनुसार , किसी स्थानीय आतंकवादी का अंतिम संस्कार आतंकवादी संगठनों में कम से कम दो सदस्यों का इजाफा करता है. घाटी में इस साल 27 स्थानीय सहित कम से कम 55 आतंकवादी मारे गए हैं.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम आतंकवादियों से भिड़ते हैं , उन्हें जवाब देते हैं , उनका खात्मा करते हैं या उन्हें आत्मसमर्पण कराते हैं और अगले ही दिन सोशल मीडिया हमें एक और आतंकवादी के जन्म का सबूत देता है. यह चक्र टूटना चाहिए.
(इनपुट - भाषा)