Haryana में 465 करोड़ रुपये का GST scam, 89 गिरफ्तार
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Haryana में 465 करोड़ रुपये का GST scam, 89 गिरफ्तार

हरियाणा में बड़े जीएसटी घोटाले (GST scam) का खुलासा हुआ है. शातिरों ने सरकारी खजाने को करीब 465 करोड़ रुपये की चपत लगाई है.

 

फाइल फोटो.

चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने कंपनियों को फर्जी जीएसटी बिल (GST Bill) जारी करने वाले चार गिरोह का भांडाफोड़ करते हुए 89 लोगों को गिरफ्तार किया है. हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव के मुताबिक फर्जी बिलों की वजह से सरकारी खजाने को करीब 465 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. पिछले साल जुलाई से अक्टूबर के बीच 72 मामले दर्ज किए गए थे.

दो साल चली जांच
प्रदेश पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि फर्जी ‘माल एवं सेवा कर पहचान नंबर’ (GSTIN) वाली कंपनियों को जाली जीएसटी चालान जारी करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का खुलासा किया गया है. यह खुलासा दो साल लंबी चली जांच में किया गया है. डीजीपी ने एक सरकारी बयान में बताया है कि कुल मामलों में से 40 मामले गिरोह के प्रमुख सदस्य गोविंद शर्मा, गौरव, अनुपम सिंगला और राकेश अरोड़ा के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

अन्य राज्यों में भी सक्रिय गिरोह
गिरोह का मास्टरमाइंड अनुपम सिंगला है जो राजस्थान, गुजरात, पंजाब और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी सक्रिय था. डीजीपी ने बताया कि इससे पहले, सिंगला के खिलाफ महानिदेशक जीएसटी खुफिया, दिल्ली ने जीएसटी घोटाले में मामला दर्ज किया था. उन्होंने बताया कि वह देश में जीएसटी टैक्स व्यवस्था आने से पहले वैट की व्यवस्था में भी धोखाधड़ी करने में शामिल था. आरोपी माल की आपूर्ति किए बिना ही ई-वे बिल (सामान को लाने- ले जाने के लिए जीएसटी संबंधित चालान) के जरिए कंपनियों को फर्जी बिल जारी करते थे और जीएसटी पोर्टल पर फर्जी 'इनपुट टैक्स क्रेडिट ' (ITC) की पात्रता दिलाने में मदद की.

फर्जी नंबरों से किया खेल
डीजीपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि फर्जी जीएसटी चालान और जाली बैंक लेनदेन के माध्यम से ई-वे बिल का उपयोग करके इन गिरोहों ने करोड़ों रुपये की आईटीसी पात्रता की रसीदें प्राप्त की. राज्य पुलिस ने आबकारी एवं कराधान विभाग में 97.22 करोड़ रुपये की अमान्य आईटीसी को ब्लॉक किया है. डीजीपी ने बयान में बताया कि इन ई-वे बिलों में एंबुलेंस, सरकारी वाहनों, मोटरसाइकिलों, प्राइवेट वाहनों के रजिस्ट्रेशन का उल्लेख किया गया है जिनका इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है.

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157.39 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी 
जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने, बिजली के बिल, पैन कार्ड आदि के जाली दस्तावेजों के आधार फर्जी कंपनियां बनाईं. हिसार क्राइम ब्रांच ने अनुपम सिंगला और उसके साथियों पर 157.39 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप लगाया है. आरोपी सिरसा का रहने वाला है.

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