डिजिटल इंडिया की धूम के बीच 52 हजार गांवों में अब तक नहीं बजी मोबाइल फोन की घंटी
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डिजिटल इंडिया की धूम के बीच 52 हजार गांवों में अब तक नहीं बजी मोबाइल फोन की घंटी

ओडिसा, मध्‍य प्रदेश, झारखंड, महाराष्‍ट्र, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के सर्वाधिक गांव हैं मोबाइल नेटवर्क से अछूते.

पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के सभी गांवों को सबसे पहले मोबाइल नेटवर्क देने की है योजना (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्‍ली: मोबाइल फोन आज के समय में भले ही हमारी जिंदगी का अहम हिस्‍सा बन गया हो, लेकिन देश में आज भी  52 हजार से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां पर आज तक मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है. जी हां, यह हम नहीं बल्कि संचार मंत्रालय के डाटा बता रहे हैं. दरअसल, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने आज संसद में संचार मंत्रालय से लिखित जवाब मांगा था कि देश में ऐसे कितने गांव हैं, जहां अभी तक मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है. 

  1. देश के 52685 गांवों तक अब तक नहीं पहुंचा मोबाइल नेटवर्क
  2. सिर्फ चार राज्‍य में अब तक पूरी तरह पहुंचा है मोबाइल नेटवर्क
  3. नेटवर्क विस्‍तार के लिए सरकार ने खर्च किए 1600 करोड रुपए

भाजपा सांसद के इस सवाल पर संचार मंत्रालय के राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा ने जवाब देते हुए बताया है कि देश में करीब 52,685 गांव ऐसे हैं, जहां पर मोबाइल नेटवर्क पहुंचाया जाना बांकी है. इस बाबत उन्‍होंने बताया कि सरकान ने इन गांवों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए एक चरणवद्ध योजना तैयार की है. जिसके तहत पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए यूएसओएफ ने 2258 करोड़ रुपए की लागत से अरुणाचल प्रदेश में मोबाइल सेवा रहित 4119 गांवों और असम के दो जिलों में मोबाइल कवरेज उपलब्‍ध कराने के लिए 2817 मोबाइल ऑवर स्‍थापित करने के लिए बीएसएनएल के साथ करार किया गया है. 

वहीं मेघालय के अलावा, अन्‍य पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में 1656 करोड़ रुपए की लागत से 2128 गांवों और रार्ष्‍टीय राजमार्गों पर मोबाइल करवेज उपलब्‍ध कराने के लिए भारती एयरटेल लिमिटेड और भारती हेक्‍जाकॉ लिमिटेड 2004 मोबाइल टॉवर लगाएगी. इसके अलावा, मेघालय में 3911 करोड़ रुपए की लागत से मोबआल सेवा रहित 2374 गांवों और राष्‍ट्रीय राजमार्गों में 3123 मोबाइल टॉवर स्‍थापित किए जाएंगे. संचार राज्‍यमंत्री मनोज सिन्‍हा के अनुसार इस क्षेत्र में 2G और 4G प्रौद्योगिकी वाली सेवाओं को जल्‍द उपलब्‍ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. देश में मोबाइल सेवा के विस्‍तार के लिए 2015-16 में 617.05 करोड़ रुपए, 2016-17 में 280.68 करोड़ रुपए और 2017-18 में 710.9 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. 

वे पांच राज्‍य जो मोबाइल नेटवर्क के मामले में हैं सबसे पिछड़े
मोबाइल नेटवर्क के मामले में सबसे पिछड़े राज्‍यों के नाम सुनकर शायद आप भी चौंक जाएंगी. जी हां, मोबाइल नेटवर्क के मामले में देश का सबसे पिछड़ा राज्‍य ओडिसा है. ओडिसा के 10060 गांवों में आज तक मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है. इसके बाद, पिछड़ेपन के दूसरे पायदान पर मध्‍य प्रदेश है. मध्‍य प्रदेश के 5896 गांवों में अभी तक मोबाइल की घंटी नहीं बजी है. वहीं तीसरे पायदान पर खड़े झारखंड के 4882 गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है. इसके अलावा, महाराष्‍ट्र के 4710 और तेलंगावा व आंध्रप्रदेश के 4511 गांवों में अभी तक मोबाइल नेटवर्क ने दस्‍तक नहीं दी है.

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