भारत में क्रिप्टो करेंसी की असली कहानी, सर्वे ने खोली क्रेज की पोल
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भारत में क्रिप्टो करेंसी की असली कहानी, सर्वे ने खोली क्रेज की पोल

सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर कितना विश्वास है तो सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों ने इस पर भरोसा जताया. जबकि 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर बहुत कम या जरा सा भी यकीन नहीं है.

भारत में क्रिप्टो करेंसी की असली कहानी, सर्वे ने खोली क्रेज की पोल

नई दिल्ली: आजकल भारत में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध की खबर काफी चर्चा में है. बहुत सारे लोगों की तरफ से ये माहौल बनाया जा रहा है कि भारत के लोग क्रिप्टो करेंसी पर बैन के पक्ष में नहीं हैं और सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिए. लेकिन हाल ही में हुआ एक सर्वे कुछ और कहानी बताता है. इस सर्वे के मुताबिक भारत के 54 प्रतिशत यानी आधे से ज्यादा लोग ये मानते हैं कि भारत में क्रिप्टो को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए.

  1. भारत की आधी जनसंख्या क्रिप्टो के पक्ष में नहीं
  2. 54% भारतीय क्रिप्टो को कानून के दायरे में लाने के खिलाफ
  3. क्रिप्टो के विज्ञापन के खिलाफ 76 प्रतिशत भारतीय

क्या है देश का मत?

भारत में 54 प्रतिशत लोग, ये भी मानते हैं कि जिन लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) है उन पर इसे विदेश में रखी संपत्ति मानकर टैक्स लगाया जाना चाहिए. जबकि 26 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि Crypto को मान्यता दी जानी चाहिए और इस पर भारत में टैक्स लगाया जाना चाहिए. इसी सर्वे में 51 प्रतिशत लोगों ने माना है कि वो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Resreve Bank Of India) द्वारा सरकारी क्रिप्टो करेंसी के लॉन्च होने का इंतजार कर रहे हैं.

सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों को विश्वास

इस सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर कितना विश्वास है तो सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों ने इस पर बहुत ज्यादा भरोसा जताया. जबकि 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर बहुत कम या जरा सा भी यकीन नहीं है. ये सर्वे कहता है कि भारत में 87 प्रतिशत परिवारों के पास किसी भी तरह की ना तो क्रिप्टो करेंसी है और ना ही उन्होंने इसमें किसी भी प्रकार का निवेश किया है. ये सर्वे पिछले 15 दिनों के दौरान किया गया है, जिसमें भारत के 342 जिलों के 56 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे. इनमें से 76 प्रतिशत लोगों का ये भी मानना है कि क्रिप्टो करेंसी के विज्ञापनों पर रोक लगनी चाहिए और 74 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ये विज्ञापन भ्रामक हैं और इनमें क्रिप्टो की खतरों के बारे में ठीक से नहीं बताया जाता.

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विज्ञापन के जरिए क्रिप्टो करेंसी का जाल?  

विज्ञापन के बाजार पर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का कब्जा हो चुका है. इंटरनेट पर विज्ञापनों के बाजार में तो क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत से ज्यादा है. ये कंपनियां क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट्स से लेकर हर बड़े इवेंट को स्पॉन्सर करती हैं और इन विज्ञापनों में क्रिप्टो को एक सुरक्षित करेंसी के तौर पर दिखाया जाता है. जिसमें स्मार्ट लोगों को इन्वेस्ट करना चाहिए. लेकिन हमें लगता है कि भारत के लोगों को इस तरह के विज्ञापनों से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि एक जमाने में अमेरिका में सिगरेट्स को भी स्वास्थ्य वर्धक बताकर बेचा जाता था लेकिन आज पूरी दुनिया सिगरेट के दुष्प्रभावों के बारे में जानती है.

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