West Bengal: यह कैसा इंसाफ! नौकरी के इंतजार में 40 साल गुजर गए, अब लेटर मिला तो 66 में से 3 लोग इस दुनिया में नहीं
Advertisement
trendingNow12068581

West Bengal: यह कैसा इंसाफ! नौकरी के इंतजार में 40 साल गुजर गए, अब लेटर मिला तो 66 में से 3 लोग इस दुनिया में नहीं

Teacher Job News: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कुछ सीनियर सिटिजंस उस वक्त हैरान रह गए जब करीब 70 साल की उम्र में उन्हें टीचर की सरकारी नौकरी का अप्वाइंटमेंट लेटर (job offer letters) मिला.

West Bengal: यह कैसा इंसाफ! नौकरी के इंतजार में 40 साल गुजर गए, अब लेटर मिला तो 66 में से 3 लोग इस दुनिया में नहीं

Teacher Job Offer letter: सेहत दुरुस्त तो उम्र बस एक संख्या होती है. सीनियर सिटिजंस को भी सम्मान से जीने का हक है. लेकिन जब व्यवस्था ही किसी के साथ अजीबोगरीब बरताव करे तो बात बर्दाश्त के बाहर हो जाती है. कुछ यही हुआ पश्चिम बंगाल के कुछ बुजुर्गों के साथ जिन्हें उम्र के उस पड़ाव पर सरकारी नौकरी का ऑफर लेटर मिला, जब उन्हें जॉब की नहीं बल्कि रिटायरमेंट बेनिफिट्स की जरूरत है. दरअसल हुगली के फुरफुरा शरीफ के रहने वाले तुषार बनर्जी को पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन से हाल में मिले ऑफर लेटर मिला. जिसमें उन्हें सरकारी स्कूल में टीचर के पद पर नियुक्त करने की जानकारी दी गई. अप्वाइंटमेंट लेटर मिलने के बाद वो खुश होने की बजाय स्तब्ध रह गए, क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में शिक्षा विभाग ने उनके दिलोदिमाग पर लगा जख्म हरा कर दिया. 

40 साल पहले कोर्ट गए अब मिला इंसाफ

दरअसल तुषार बनर्जी जैसे सैकड़ों लोगों ने जॉब के लिए 1980 के दशक में अप्लाई किया था. नियम और शर्ते पूरी करने के बावजूद नौकरी नहीं मिली तो कई लोग 1983 में अदालत गए. अदालती कार्रवाई के बाद हुगली के शिक्षा विभाग ने 66 लोगों के नाम नौकरी का ऑफर लेटर जारी कर दिया. इस लिस्ट में तीन लोग अब इस दुनिया में नहीं है. बाकी लोगों का कहना है कि उन्हें ये पत्र नहीं बल्कि पेंशन और अन्य मदों का भुगतान मिलना चाहिए, जो उन सभी का वाजिब हक है.

शिक्षा विभाग की सफाई

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले को गरमाता देख हुगली जिला प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष शिल्पा नंदी ने सफाई देते हुए कहा- 'यह असहज करने वाली स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि अदालती दस्तावेज में अभ्यर्थियों के नाम और पता लिखा था, उम्र नहीं लिखी थी. चूंकि कोलकाता हाईकोर्ट के दिसंबर 2023 के आदेश में लिखा है कि सभी को शिक्षक माना जाना चाहिए इसलिए हमें ये कार्रवाई पूरी करनी पड़ी. अदालत ने सभी को 2014 से शिक्षक माना जाने का आदेश दिया, इसलिए नियुक्ति पत्र भेजना जरूरी था.' 

आपको बताते चलें कि जब ये लोग कोर्ट गए थे तब उनकी उम्र 30 से 36 वर्ष के बीच थी. अब कोई 71 साल का है तो कोई 76 साल का ऐसे में सब को इंतजार है कि कोर्ट के आदेश पर उन्हें जल्द से जल्द सभी आर्थिक हितलाभ मिलें जिसके वो हकदार थे.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news