प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार की ‘सेवा भोज योजना’ के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.
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नई दिल्लीः खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल के नेतृत्व में शुक्रवार को सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य शामिल थे. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, इस प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार की ‘सेवा भोज योजना’ के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया जिसके अंतर्गत गुरुद्वारों सहित धार्मिक संस्थानों द्वारा नि:शुल्क दिए जाने वाले लंगर और प्रसाद की सामग्रियों पर सीजीएसटी तथा आईजीएसटी के केंद्रीय हिस्से की अदायगी करने का प्रावधान है.
बता दें कि गुरुद्धारे सहित कई परमार्थ संस्थायें ‘लंगर’ और ‘प्रसाद’ का निशुल्क वितरण करती हैं.
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'अकाल दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात कर लंगर और अन्य सामुदायिक मुफ्त भोजना सेवा पर से केंद्रीय कर हटाने को लेकर ना सिर्फ सिख समुदाय की तरफ से बल्कि हर धर्मार्थ समुदाय की तरफ कृतज्ञता व्यक्त की '
A delegation of @Akali_Dal_ met the Hon’ble PM Sh.@narendramodi ji today to express gratitude of not just Sikh community but of every religious & charitable community, for waiving off central tax on Langar and other similar community free food services. /1 pic.twitter.com/EtHU12fbwd
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) June 8, 2018
हरसिमरत कौर के अनुसार , प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना किसानों के हित में केन्द्र द्वारा उठाए गये विभिन्न कदमो के लिए भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने परमार्थ धार्मिक संस्थानों से उनके मुफ्त भोजन वितरण के लिये खरीदे गये सामान पर वसूले गये माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को लौटाने का फैसला किया है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने 1 जून को यह जानकारी दी थी.
हरसिमरत ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि धार्मिक संस्थानों द्वारा जनता को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिये खरीदे गये सामान पर वसूले गये जीएसटी में से केन्द्र अपना हिस्सा रिफंड करेगा. केंद्र ने ऐसे कच्चे माल पर जीएसटी के अपने हिस्से को ‘ सेवा भोज योजना ’ के तहत लौटाने का फैसला किया है.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने गुरुद्वारों में लंगर के लिए खरीदी जाने वाली भोजन सामग्री पर जीएसटी से छूट की मांग की थी. इसके बाद यह कदम उठाया गया है. हरसिमरत ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र भी लिखा था.
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धार्मिक संस्थानों की लंगर सामग्री पर वसूली गई जीएसटी रिफंड योजना के लिए 2018-19 से 2019-20 तक 325 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है . इसे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने अधिसूचित किया है और ‘सेवा भोज योजना’ के तहत यह राशि उपलब्ध कराई जायेगी.
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने राज्यों से भी इस प्रकार की सामग्री पर जीएसटी में छोड़ने की मांग की.खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के आदेश के मुताबिक परोपकारी धार्मिक संस्थानों द्वारा लोगों को मुफ्त भोजन वितरण के लिये खरीदी गई विशिष्ट सामग्री पर एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) को भारत सरकार वित्तीय सहायता के रूप में वापस करेगी.
(इनपुट भाषा से)