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नई दिल्ली: क्या इंसान की जान इतनी सस्ती है कि पलभर का गुस्सा किसी की जान लेने पर मजबूर हो जाए. एक बेजुबान जानवर का भौंकना किसी की जान ले सकता है? राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) के नजफगढ़ में एक नाबालिग ने बुजुर्ग की जान ले ली. जहां होली (Holi) पर सब खुशियां मना रहे थे, वहीं एक परिवार की खुशियां हमेशा के लिए छिन गईं. नजफगढ़ के नगली डेरी में एक बुजुर्ग दंपत्ति रहते थे और उनके घर पर एक बेजुबान जानवर रहता था, जिसके भौंकने से पड़ोसी के लड़के को इतना गुस्सा आया कि वो आपा खो बैठा और बेजुबान जानवर को रॉड (Rod) से मारने चल दिया.
बुजुर्ग ने अपने जानवर को रॉड से पिटता देखा तो वो उसे बचाने के लिए भागा और 17 साल के नाबालिग लड़के की रॉड का शिकार हो गया. लड़के ने कुत्ते (Dog) को छोड़ बुजुर्ग के सिर में रॉड मार दी, जिसके बाद बुजुर्ग खून में लथपथ जमीन पर गिर गया. अपने पति की ये हालत देख बुजुर्ग महिला ने शोर मचाया लेकिन मदद (Help) के लिए कोई सामने नहीं आया. घंटों तक शोर मचाने पर जब पड़ोसी आते हैं तो आरोपी नाबालिग छत से कूदकर अपने घर भाग जाता है. होली के दिन एंबुलेंस (Ambulance) ना आ पाने के कारण बुजुर्ग की मौत हो गई. तीन अस्पताल (Hospital) में भागदौड़ करने के बाद भी बुजुर्ग महिला अपने पति की जान नहीं बचा पाई.
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महिला रोते हुए कहती है कि मैं उनका और वो मेरा सहारा थे. बुजुर्ग महिला ने बताया कि वो नाबालिग लड़का उनका पड़ोसी (Neighbour) था और शराब (Alcohol) के नशे में धुत्त पूरी गली में सबसे लड़ता जा रहा था. मैं अपने घर के सामने बैठी थी और घर का दरवाजा बाहर से बंद था. हमारा कुत्ता अंदर से भौंक रहा था और जैसे ही ये नाबालिग घर के सामने पहुंचा तो उसने घर का दरवाजा खोला और रॉड से कुत्ते को मारने लगा. ये देखकर मेरे पति कुत्ते को बचाने आए तो उसने उनके सिर पर रॉड मार दी और मैंने अपने पति को खो दिया. बड़ो के लिए इज्जत और सम्मान की जगह नशे और गुस्से ने इस कदर ले ली है कि अपने दादा की उम्र के बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या (Murder) सिर्फ इस बात पर कर दी गई कि मृतक का कुत्ता आरोपी के ऊपर भौंक रहा था.
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85 साल के बुजुर्ग अशोक कुमार की दर्दनाक हत्या कर दी गई. बुजुर्ग की इलाज (Treatment) के दौरान मौत हो गई. दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 18 मार्च को शाम साढ़े 5 बजे पुलिस (Police) को एक कॉल मिली, 'लेडी कॉलर के पति के साथ मारपीट की है और अब लेडी के साथ भी मारपीट कर रहा है'. महिला की शिकायत पर नाबालिग लड़के को पुलिस ने पकड़ा और बालसुधार गृह (Juvenile Home) में पेश किया, जहां से लड़के को छोड़ दिया गया. लेकिन 20 मार्च को अशोक कुमार की इलाज के दौरान मौत के बाद महिला से दोबारा बयान लिया गया. जिसके बाद हत्या की धारा भी एफआईआर (FIR) में जोड़ दी गई और नाबालिग लड़के को दोबारा पकड़ने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) के सामने पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया है.
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