आत्मनिर्भर भारत: मिशन मोड में काम शुरू, जानें PM मोदी कैसे रखे हैं पूरे कैंपेन पर नजर
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आत्मनिर्भर भारत: मिशन मोड में काम शुरू, जानें PM मोदी कैसे रखे हैं पूरे कैंपेन पर नजर

भारत को आत्मनिर्भर बनाने और मौजूदा वैश्विक हालात के मद्देनजर देश को बेहतर अवसर प्राप्त करवाने की कवायद तेज हो गई है.

 पीएम मोदी की कोशिश है कि भारत के मेड इन इंडिया ब्रांड, न सिर्फ भारत में बल्कि ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित हो.

नई दिल्ली: भारत को आत्मनिर्भर बनाने और मौजूदा वैश्विक हालात के मद्देनजर देश को बेहतर अवसर प्राप्त करवाने की कवायद तेज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खुद इस कैंपेन पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने पिछले एक महीने में अलग-अलग कैबिनेट बैठकें की हैं. पीएम मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर (Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan) बनाने के लिए मिशन मोड में काम भी शुरू कर दिया है. वे मंत्रियों के साथ बैठक में न सिर्फ उनके विभाग की योजनाओं की जानकारी लेते हैं बल्कि उनसे आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सुझाव भी मांगते हैं.  

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही इन बैठकों में कई मंत्रियों ने अपने विभाग से हटकर सुझाव भी दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, एक जूनियर मंत्री ने मुद्रा लोन दिए जाने की प्रक्रिया को और सरल बनाने का सुझाव दिया जिसको पीएम मोदी ने सराहा भी. उसी तरह एक कैबिनेट मंत्री ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों का भारत में हब बनाने की बात कही, साथ ही ये भी कहा कि ये हमारे यहां ये असेंबल तो हो रहे हैं, लेकिन इनके पार्ट्स चीन से आते हैं. हमें इनके पार्ट्स भी यही बनाना चाहिए. 

किसी ने सुझाव दिया कि MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी योजना लाई जाए जिसमें उन्हें जमीन, बिजली और उपकरणों की खरीदने और अन्य जरूरतों में रियायत मिल सके. पीएम मोदी इसी तरह के सुझाव लगातार अपने मंत्रियों से लेते रहे हैं.   

कोविड-19 के कारण भारत की अर्थव्यवस्था गति धीमी हो गई है. उसको रफ्तार देने के लिए पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज के साथ-साथ 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' का नारा दिया था. पीएम मोदी की कोशिश है कि भारत के मेड इन इंडिया ब्रांड, न सिर्फ भारत में बल्कि ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित हों. हर मंत्री से उनके विभाग के अलावा जानकारी ली जा रही है. कोशिश है हर मंत्रालय वैसी योजनाओं पर काम करे जिससे गरीब कल्याण हो, विनिर्माण सेक्टर में रोजगार और उत्पादन में बढ़ावा मिले. आयात पर निर्भरता कम हो और भारतीय सामान और भारतीयता या मेड इन इंडिया का बोलबाला हो सके. 

सरकार की कोशिश है कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर चीन से निर्भरता कम से कम हो. हाल के दिनों में जैसे फैसले लिए गए हैं, उन्हें इन बैठकों का ही नतीजा माना जा रहा है. सरकार ने चीन के 59 ऐप पर पाबंदी लगाई और 4G अपग्रेडेशन से भी चीन की कंपनी को बाहर कर दिया है. कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी का ये बयान भी महत्वपूर्ण है कि हाईवे निर्माण में चीन की कंपनियों पर रोक लगा दी गई है. ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं. लद्दाख में चीन के साथ झड़प के बाद आत्मनिर्भर भारत को परवान चढाने की कोशिशें और भी तेज हो गई हैं.

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