स्पेस में बजा भारत का डंका, हेलो पॉइंट पर पहुंचा भारत का आदित्य एल-1, अब खुलेंगे सूरज के राज
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स्पेस में बजा भारत का डंका, हेलो पॉइंट पर पहुंचा भारत का आदित्य एल-1, अब खुलेंगे सूरज के राज

ISRO Aditya Mission: करीब 92 दिन के सफर के बाद आदित्य एल 1 मिशन अपनी अंतिम गंतव्य कक्षा में पहुंच चुका है. यह सूर्य के एकदम नजदीक है. यह ठीक वहीं पहुंचा है जहां इसे भेजा गया है. इस सफलता के बाद पीएम मोदी समेत देश के नेताओं ने बधाई दी है. 

स्पेस में बजा भारत का डंका, हेलो पॉइंट पर पहुंचा भारत का आदित्य एल-1, अब खुलेंगे सूरज के राज

Aditya L 1 Mission Latest News: चंद्रयान मिशन-3 के करीब 10 दिन बाद इसरो ने आदित्य मिशन को लांच किया था. यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि सूरज के बेहद करीब कुछ ही देश अपने मिशन को पहुंचाने में कामयाब रहे हैं. करीब तीन महीने के सफर के बाद सोलर मिशन Aditya L1 अपने मंजिल के करीब पहुंच गया है. इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक 6 जनवरी को शाम करीब 4 बजे एल1 लैग्रेंजियन प्वाइंट पर पहुंच सकता है. आदित्य L1 अब अपने यात्रा के कठिन पड़ाव पर है. ऑर्बिट में एंट्री कराने की कैका काउंटडाउन शुरू हो गया है. आख़िरी पड़ाव बेहद जटिल है और इसको लेकर इसरो की पूरी टीम जुटी हुई है.

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इसरो का आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान अपनी अंतिम गंतव्य कक्षा में पहुंच चुका है. यह सूर्य के एकदम नजदीक है. यह ठीक वहीं पहुंचा है जहां इसे भेजा गया है. इस सफलता के बाद पीएम मोदी समेत देश के नेताओं ने बधाई दी है. 
आदित्य को L1 पॉइंट पर पहुंचाने और कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ISRO चेयरमैन समेत मिशन से जुड़े सभी वरिष्ठ वैज्ञानिक मौजूदइसरो में मौजूद हैं. कुछ ही देर में इसरो इसके बारे में और जानकारी देगा.

क्यों अहम है लैंग्रेंजियन प्वाइंट पर पहुंचना ?

  • लैग्रेंजियन प्वाइंट इसलिए अहम है कि यहां पर धरती और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को अपनी ओर खींचता है.

  • आदित्य L1 को हेलो ऑर्बिट में एंट्री करने के लिए अपनी ट्रेजेक्ट्री और वेलोसिटी को बनाए रखना जरूरी होगा.

  • आदित्य L1 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAR) से सूर्य की स्टडी के लिए लॉन्च किया गया था.

  • आदित्य-एल 1 में सात पेलोड लगे हैं. इनमें से चार पेलोड ऐसे हैं जो सूर्य की ओर बढ़ते समय पड़ने वाले असर को रिकॉर्ड कर रहे हैं .

  • वहीं तीन पेलोड मैग्नेटिक फील्ड और अंतरिक्ष में मौजूद कणों को अध्ययन कर रहे हैं और इसका डेटा जुटा रहे हैं.

इसरो का बेहद खास मिशन
पृथ्वी से सूरज की जितनी दूरी है, L1 प्वाइंट की दूरी उसका महज 1 फीसद है.आदित्य को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर हेलो ऑर्बिट में जाएगा.लैग्रेंज प्वाइंट यानि L1 अंतरिक्ष में वह स्थान हैं, जहां पर यदि किसी छोटे पिंड को रखा जाए तो वह वहीं ठहर जाता है. किसी स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में सूर्य और पृथ्वी के बीच इस प्वाइंट पर इसलिए रखा जाता है ताकि वह एक जगह टिके रहें और ईंधन भी कम खर्च हो.इस प्वाइंट से सूर्य को बिना किसी रोकटोक या बाधा के देखा जा सकता है. यहां तक कि ग्रहण भी आदित्य एल-1 का रास्ता नहीं रोक पाएंगे.

सूरज का करना है अध्ययन

आदित्य एल-1 के जरिये हम दूसरी गैलेक्सी के तारों के बारे में और जानकारी हासिल करेंगे. सूर्य के अध्ययन से दूसरे ग्रहों के मौसम और उसके व्यवहार को भी समझा जा सकता है.

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