IPL नीलामी में बिहार का कोई खिलाड़ी क्यों नहीं: वर्मा ने सीओए से पूछा
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IPL नीलामी में बिहार का कोई खिलाड़ी क्यों नहीं: वर्मा ने सीओए से पूछा

आईपीएल के 11वें संस्करण के लिए 27 और 28 जनवरी को बेंगलुरु में दो दिन तक नीलामी हुई थी. 

वर्मा ने सीओए प्रमुख विनोद राय को पत्र लिखकर पक्षपात का आरोप लगाया है...(फाइल फोटो)

पटना: आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने आईपीएल नीलामी में बिहार के क्रिकेटरों को शामिल नहीं किए जाने के बाद सीओए प्रमुख विनोद राय को पत्र लिखकर उनके साथ पक्षपात का आरोप लगाया है. वर्मा ने पत्र में लिखा कि बीसीसीआई पदाधिकारियों ने राजीव शुक्ला को आईपीएल अध्यक्ष बनाये रखकर नियमों का उल्लंघन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सीईओ राहुल जोहरी और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने एक गिरोह बना लिया है और वे लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर अमल नहीं कर रहे हैं.

आईपीएल के 11वें संस्करण के लिए 27 और 28 जनवरी को बेंगलुरु में दो दिन तक नीलामी हुई थी जिसमें टीम मालिकों ने जमकर पैसा लुटाया था. आईपीएल ऑक्शन 2018 में कुल 169 खिलाड़ियों की बोली लगी थी.

आईपीएल पिछले दस वर्षों से चल रहा है और इस दौरान विवादों से भी उसका नाता रहा. बंबई उच्च न्यायालय ने हाल में कहा था कि आईपीएल ने लोगों को ‘सट्टेबाजी और फिक्सिंग' जैसे शब्दों से परिचित कराया है और अब समय आ गया है जब देखना होगा कि क्या यह टूर्नामेंट क्रिकेट खेल के हित में है.

आईपीएल इस साल सात अप्रैल से 27 मई तक चलेगा. स्पाट फिक्सिंग के कारण दो साल का निलंबन झेलने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स इस बार वापसी कर रही हैं और शुक्ला ने कहा कि सट्टेबाजी और फिक्सिंग जैसी समस्याओं से निबटने के लिये कड़ी व्यवस्था की गयी है. आईपीएल 2018 से राजस्व का मॉडल भी बदल गया है और इसमें फ्रेंचाइजी का विशेष ध्यान रखा गया है जिन्हें राजस्व का हिस्सा मिलेगा.

गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी ट्रॉफी और इसी तरह की अन्य राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि बिहार को क्रिकेट खेलना चाहिए. इससे पहले बिहार की टीम को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं थी. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई पाटिल की मौजूदगी वाली पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद चुने गए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को राज्य में खेल का प्रभार मिलना चाहिए. 

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