केरल में सूडान से लौटे एक सैनिक में मलेरिया (Malaria) का नया जीन 'प्लाज्मोडियम ओवल' (Plasmodium ovale) मिला है. यह वायरस अफ्रीका में अधिक पाया जाता है.
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नई दिल्ली: केरल पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है वहीं राज्य में एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को मलेरिया (Malaria) के एक नए जीन का पता लगाया है जिसे 'प्लाज्मोडियम ओवल' (Plasmodium ovale) कहा जाता है.
अफ्रीका में पाया जाता है यह वायरस
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा (KK Shailaja) ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सूडान से यात्रा करने वाले एक सैनिक में इस बीमारी का पता चला है. सैनिक का इलाज कन्नूर के जिला अस्पताल में चल रहा है. इलाज के दौरान मलेरिया (Malaria) के एक नए जीन 'प्लाज्मोडियम ओवल' का पता लगा. मलेरिया के लिए जिम्मेदार प्रोटोजोआ (Protozoa) पांच किस्मों का होता है. 1. प्लाज्मोडियम विवैक्स, 2. प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, 3. प्लाज्मोडियम मलेरिया, 4. प्लाज्मोडियम नॉलेसी और 5. प्लाज्मोडियम ओवल. इनमें प्लाज्मोडियम विवैक्स और प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम भारत में सबसे आम हैं. प्लाज्मोडियम ओवल आमतौर पर अफ्रीका में पाया जाता है.
Plasmodium ovale, a new genus of malaria, has been detected in the State. It was found in a soldier who was being treated at the District hospital in Kannur. The soldier had come from Sudan. The spread of the disease can be avoided with timely treatment and preventive measures.
— Shailaja Teacher (@shailajateacher) December 10, 2020
रिसर्च में हुआ खुलासा
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है. समय पर उपचार और निवारक उपायों से बीमारी के प्रसार से बचाया जा सकता है. इस प्रकार का मलेरिया जानलेवा नहीं होता है. सूडान से आने वाले सैनिक का कन्नूर जिला अस्पताल में मलेरिया टेस्ट होने के बाद रिसर्च की गई जिसमें इस वायरस की पुष्टि की गई है.
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बता दें कि भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का पहला मामला केरल के त्रिशूर जिले में ही सामने आया था. जब चीन (China) के वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला छात्र भारत लौटा तब उसका टेस्ट कराने पर कोरोना का पुष्टि हुई थी. इसके अलावा 2018 में, कोझीकोड जिले Nipah Virus की भी पुष्टि हुई.