Shraddha Aftab Case: आफताब कई डेटिंग ऐप पर फर्जी नामों से एक्टिव था. कई बार उस ऐप से लड़कियों को घर पर बुलाया करता था. श्रद्धा के पहले भी आफताब की कई लड़कियों के साथ रिश्ते थे.
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Delhi Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब का असली चेहरा सामने आ रहा है, जो कितना खौफनाक है इसका अंदाजा किसी को नहीं था. श्रद्धा, जिसने आफताब के लिए अपना परिवार छोड़ दिया. आफ़ताब ने उसके भरोसे को हमेशा तोड़ा. सूत्रों के मुताबिक आफताब की 20 से 25 गर्लफ्रेंड थीं. वो कई डेटिंग ऐप पर एक्टिव था और इसके लिए उनसे अलग अलग आईडी का इस्तेमाल करके सिमकार्ड भी खरीदे थे.
फर्जी नामों से डेटिंग ऐप पर था एक्टिव
पुलिस के मुताबिक चैटिंग और मैसेज भेजकर लड़कियों को आकर्षित करने में आफताब एक्सपर्ट था. हैरान करने वाली बात ये है कि जिस वक्त आफताब के घर में श्रद्धा के शव के टुकड़े रखे थे उस वक्त भी उसने अपने घर में एक लड़की को बुलाया था. आफताब कई डेटिंग ऐप पर फर्जी नामों से एक्टिव था. कई बार उस ऐप से लड़कियों को घर पर बुलाया करता था. श्रद्धा के पहले भी आफताब की कई लड़कियों के साथ रिश्ते थे.
श्रद्धा के दोस्त ने जी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि आफताब उसके साथ मारपीट करता था. आए दिन श्रद्धा से झगड़ा करता और फिर से उसे बुरी तरह से मारता था. श्रद्धा को नहीं पता था कि जिस आफताब के साथ वो मुंबई से सबकुछ छोड़ कर दिल्ली आई है वो इतना जालिम होगा और रोज उसके साथ मारपीट भी करेगा. इतना ही नहीं, श्रद्धा के दोस्त ने बताया कि आफताब ने हैवानियत के सारी हदें पार कर दी थीं. मारपीट के साथ साथ आफताब उसे सिगरेट से जलाता था. आफताब की इस तरह की हरकतों से श्रद्धा बेहद डर गई थी और डर की वजह से वो कुछ कर नहीं पा रही थी.
आफताब से ब्रेकअप करना चाहती थी श्रद्धा
18 मई की रात को श्रद्धा के साथ जो दरिंदगी हुई, उसने सभी को हिलाकर रख दिया. जैसे-जैसे श्रद्धा हत्याकांड की जांच आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे ये कहानी एक नया मोड़ ले रही है. श्रद्धा के दोस्त के बयान ने इस कहानी को एक नया एंगल दे दिया. श्रद्धा के दोस्त के मुताबिक श्रद्धा आफताब से ब्रेक अप करना चाहती थी. आफताब श्रद्धा को लगातार ब्लैकमेल कर रहा था कि अगर उसने आफताब को छोड़ने की कोशिश की तो वो या तो उसे मार डालेगा या खुद सुसाइड करके श्रद्धा के परिवार को फंसा देगा.
अब तक इस केस में ये बात सामने आ रही थी कि श्रद्धा आफताब पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी और वो उस पर शक करती थी कि आफताब का अफेयर किसी और लड़की के साथ चल रहा है. इसीलिए आफताब ने श्रद्धा को मौत के घाट उतार दिया.
दोस्तों से बना ली थी दूरी
वहीं आफताब ने श्रद्धा हत्याकांड को अंजाम देने से पहले ही अपने दोस्तों से भी दूरी बना ली थी और इस बात का खुलासा खुद आफताब के खास दोस्त ने किया. ये वही दोस्त है जिसने दिल्ली में आफताब और श्रद्धा की घर ढूंढने में मदद की थी.
नई जिंदगी की शुरुआत का सब्जबाग दिखाने वाले जिस आफताब के साथ श्रद्धा दिल्ली आई थी. उसे दिल्ली आने के बाद जरा सा इल्म नहीं था, आफताब एक रोज उसकी जान ले लेगा. जैसे जैसे दिन बीतते गए वैसे-वैसे ही आफताब का प्यार हिंसा में बदलने लगा. श्रद्धा के दोस्त के मुताबिक आफताब श्रद्धा को लगातार मेंटली टॉर्चर करता था.
श्रद्धा को था ब्लैकमेलिंग का डर
कई बार तो ऐसा मौका आया कि श्रद्धा के दोस्तों ने आफताब को पुलिस के पास शिकायत करने की धमकी भी दी. लेकिन आफताब पर इसका कोई असर नहीं हुआ और वो लगातार उसे परेशान करता रहा. श्रद्धा को आफताब का खौफ ऐसा था कि वो ब्लैक मेलिंग के डर से वो पुलिस के पास नहीं जा पाई. अगर श्रद्धा हिसा और ब्लैकमेलिंग के डर को हटा कर वो पुलिस के पास चली गई होती तो शायद वो बच जाती.
क्या आफताब श्रद्धा को मारने की प्लानिंग पहले से ही रच रहा था. इस का भी अंदेशा लगाया जा रहा है. महरौली के घर में लाने के कुछ ही दिन बाद आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी. श्रद्धा के पड़ोसियों के मुताबिक श्रद्धा को बहुत कम ही वहां लोगों ने देखा था. हालांकि अब उस इलाके में काम करने वाले एक प्लंबर का बयान सामने आया है, जिसमें उसने श्रद्धा को फ्लैट में आते देखने की बात कही.
जांच में जुटी है पुलिस
प्लंबर के मुताबिक, आफताब को ही मोहल्ले में ज्यादा देखा गया था. पुलिस अब इस केस की कड़ियां जोड़ने में लगी है और उसे श्रद्धा के कपड़ों की भी तलाश है. पुलिस ने दो ऐसे स्पॉट चिन्हित किए हैं जहां वो कूड़ेदान का कचरा फेंका करता था. साथ ही पुलिस ने उस गाड़ी की भी पहचान की है जहां ये कपड़े फेंके गए थे.
आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए थे और उन्हें एक-एक कर महरौली के जंगलों में फेंक दिया.आफताब ने पुलिस के सामने ये कबूला है कि कम से कम 20 दिन तक वो लाश के टुकड़े फेंकता रहा. आफताब ने ये सारे टुकड़े छतरपुर और महरौली के आस पास ही फेंके. आफताब ने ये टुकड़े आस-पास इसलिए फेंके क्योंकि ज्यादा दूर जाने में उसे पकड़े जाने का डर था.
श्रद्धा के टुकड़े खोज रही पुलिस
पुलिस अब लगातार श्रद्धा के शरीर के टुकड़े बटोरने में लगी है. पुलिस आफताब को हर उस जगह लेकर जा रही है. जहां उसने टुकड़े फेंके थे, आफताब की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के शव के कई टुकड़े भी बरामद कर लिए हैं. पुलिस की टीम दिन-रात एक करके श्रद्धा के टुकड़े ढूंढने में लगी है. सर्च ऑपरेशन में डॉग स्क्वॉड की मदद भी ली जा रही है.
पुलिस आफताब को हथियार और बाकी टुकड़ों को बरामद करने के लिए महाराष्ट्र के अलावा कुछ और जगह भी ले सकती है. श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने फोन स्विच किया था. लेकिन पुलिस को शक है कि वो महाराष्ट्र के अलावा कुछ और राज्यों में भी गया था. इसलिए पुलिस को लग रहा है कि हथियार जंगल में ना होकर कहीं और भी छिपा हो सकता है.
फ्रिज में रखता था टुकड़े
अपने प्यार की बेरहमी से हत्या के बाद और उसके शरीर के टुकड़े फ्रिज में रखने के बाद आफताब बार-बार उन टुकड़ों की जगह भी बदला करता था. कुछ टुकड़ों को फ्रिज के निचले हिस्से में रखता था तो कई टुकड़ों को फ्रीज़र में रखता था. टुकड़ों की बदबू बाहर ना आए इसलिए बार- बार उनकी अदला बदली किया करता था.
घर में पड़े डेड बॉडी के टुकड़े और खून की सफाई करने के लिए भी आफताब ने एक बड़ी प्लानिंग रची थी. घर, फ्लोर और बाथरूम सबकी केमिकल से सफाई किया करता था. ताकि जब भी अगर उसका राज खुले तो पुलिस और फॉरेंसिक टीम के हाथ कुछ ना लग पाए.
इसके अलावा फ्रिज और कमरे की सफाई के लिए उसने एसिड का भी इस्तेमाल किया. इसी वजह से पुलिस को आफताब और श्रद्धा के घर में खून के धब्बे नहीं मिले. सिर्फ किचन में ही खून का एक धब्बा मिला. आफताब ने इस मर्डर को एक शातिर कातिल की तरह अंजाम दिया और पुलिस को चकमा देने की भी भरपूर कोशिश की.
हत्या के बाद एकदम नॉर्मल था
श्रद्धा मर्डर केस में आफताब के कई खुलासों से उसके शातिर होने का पता चलता है. श्रद्धा के मर्डर के बाद आफताब का एकदम नॉर्मल रहना भी उसकी प्लानिंग का हिस्सा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने ये कबूला है कि श्रद्धा की हत्या के बाद वो बिल्कुल नॉर्मल ज़िंदगी जी रहा था. ताकि किसी को उस पर शक ना हो. रोजाना की तरह काम पर जाता था. और सोशल मीडिया पर भी लगातार हमेशा की तरह पोस्ट करता रहता था.
आफताब जानता था कि श्रद्धा के घरवालों से उसकी बात नहीं होती थी. इसलिए उसे तलाशने कोई नहीं आएगा. श्रद्धा आफताब से रिश्ते के बाद सिर्फ अपने दोस्तों से संपर्क में थी और उस दोस्तों के साथ वो श्रद्धा के फोन के ज़रिए संपर्क में रहता था.
अपडेट करता था श्रद्धा का इंस्टाग्राम
किसी को शक ना हो उसके लिए उसने श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट को अपने प्लानिंग में शामिल किया. आफ़ताब श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट को अपडेट करता रहता था ताकि उसको किसी दोस्त या रिश्तेदार को शक ना हो. इसके लिए वो फोटो डालता रहता था. ये सब उसने यह दिखाने के लिए किया ताकि सबको लगे कि श्रद्धा जिंदा है और अपना सोशल अकाउंट ऑपरेट कर रही है.
जिस आफताब को श्रद्धा अपना सबकुछ मानती थी. उसी आफताब ने पहले झगड़े किए, मारपीट की और फिर हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. श्रद्धा और आफताब के बीच झगड़े पहले भी होते थे. लेकिन 8 मई की रात को झगड़ा इतना बढ़ा कि आफताब ने श्रद्धा को मारना शुरू कर दिया. पुलिस को किए कबूलनामे में आफताब ने कबूला है कि 18 मई को पहले झगड़ा हुआ, जिसके बाद उसने श्रद्धा को ज़मीन पर पटका और उसके बाद उसके सीने पर बैठकर गला दबाया.
पहले भी की थी कत्ल की कोशिश
श्रद्धा के गला दबाने के कुछ ही मिनटों के बाद उसने दम तोड़ दिया, जिसके बाद आफताब ने उसकी बॉडी को ठिकाने लगाने की सबसे खतरनाक प्लानिंग रची. पुलिस इससे पहले भी ये खुलासा कर चुकी है कि आफताब ने श्रद्धा को पहले भी जान से मारने की कोशिश की थी.
आफताब ने बड़ी ही बेरहमी से श्रद्धा को मौत के घाट उतार दिया और करीब 6 महीने तक किसी को ये भनक तक नहीं लगने दी कि उसने इतने घिनौने जुर्म को अंजाम दिया है. आफताब ने हर वो मुमकिन कोशिश की, जिससे सभी को लग रहा था कि वो हम जैसा ही एक आम इंसान है. लेकिन जुर्म छिपाए नहीं छिपाते और 6 महीने बाद श्रद्धा हत्याकांड का सच सामने आ गया.
नार्को टेस्ट से सामने आएगा सच
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है. आफताब से पुलिस लगातार पूरा सच उगलवाने की कोशिश कर रही है. लेकिन आफताब लगातार अपना बयान बदलकर जांच को भटकाने की कोशिश में लगा है. ऐसे में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आफताब के नार्को टेस्ट की इजाजत दे दी है, जिसमें श्रद्धा हत्याकांड से जुड़े कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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