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बेंगलुरू: अब तक तो पूरी दुनिया चीन (China) पर इस बात को लेकर शक जता रही है कि उसने ही लैब में जानलेवा कोविड-19 (Covid-19) वायरस पैदा किया है, जिसने दुनिया में 37 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 17 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया. वहीं अब देश की शीर्ष विशेषज्ञ ने आशंका जताई है कि चीन ने इस वायरस के फैलने का अंदेशा देख महामारी (Pandemic) का प्रकोप होने से पहले ही वैक्सीन भी तैयार कर ली थी.
पूरी दुनिया में जहां कोरोना ने जमकर कहर बरपाया, जबकि जिस देश में पैदा हुआ वहां केवल 91 हजार मामले आए और 4,636 मौतें दर्ज हुईं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामलों की संख्या के आधार पर देखें तो दुनिया में सबसे ज्यादा 140 करोड़ की आबादी वाला चीन मामलों की संख्या में दुनिया में 98वें पर है. यह सोचने वाली बात है.
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मामलों और मौतों की इतनी कम संख्या के अलावा विशेषज्ञ एक और बात की ओर ध्यान खींच रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ.टी.जैकब जॉन कहते हैं, 'चीन के इस मामले में कुछ रहस्य हैं. चीन में पैदा हुई कोविड-19 महामारी दुनिया में अनोखी थी. वो कुछ छुपा रहे हैं. यह वैसा नहीं है, जैसा नजर आ रहा है. आप देखें कि महामारी फैलने के ठीक 2 महीने बाद चीन के एक वैज्ञानिक ने SARS-CoV-2 के वैक्सीन के लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया था. इतनी अलग किस्म की बीमारी के लिए सिर्फ 2 महीने में वैक्सीन पर काम कर लेना संभव नहीं है. उन्होंने कम से कम एक साल पहले इस पर काम शुरू किया होगा. '
डॉ. जैकब ने आगे कहा कि वह चीनी वैज्ञानिक मर चुका है, लेकिन इस मामले में बहुत सारे राज छिपे हुए हैं. ऐसा लगता है कि चीन चीजों को वैसे छिपा रहा है, जैसे कोई अपराधी छिपाता है. जबकि ऐसे कुछ सबूत हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह वायरस लैब में ही बना है.
बता दें कि शुरुआत से ही चीन शक के घेरे में रहा है लेकिन अब वह कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर घिरता जा रहा है. कोरोना की चीन में उत्पत्ति को लेकर कई सुबूत जर्नल और स्टडी के जरिए सामने आ रहे हैं. लिहाजा इसकी निष्पक्ष जांच के अमेरिका, भारत और ब्रिटेन समेत कई देश दवाब बना रहे हैं.