हरियाणा के बाद अब Jharkhand की प्राइवेट कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी, CM Hemant Soren कर सकते हैं ऐलान
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हरियाणा के बाद अब Jharkhand की प्राइवेट कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी, CM Hemant Soren कर सकते हैं ऐलान

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Govt) ने राज्य के निजी क्षेत्र (Private Sector) में तीस हजार रुपये तक के प्रति माह वेतन वाले पदों में 75 प्रतिशत पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का मन बना लिया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Govt) ने एक बड़े फैसले के तहत हरियाणा सरकार की तर्ज पर राज्य के निजी क्षेत्र (Private Sector) में तीस हजार रुपये तक के प्रति माह वेतन वाले पदों में 75 प्रतिशत पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का मन बना लिया है, जिसकी घोषणा सरकार सोमवार को विधान सभा में कर सकती है. इससे पहले हरियाणा सरकार ने स्थानीय युवाओं को नौकरी में आरक्षण देने का फैसला किया था.

खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर सकते हैं ऐलान

वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने को लेकर फैसला ले लिया गया है, इसकी घोषणा विधान सभा के सत्र में सोमवार को स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) कर सकते हैं.

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बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपये भत्ता

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में हुए इस फैसले के तहत अब निजी क्षेत्र में भी स्थानीय युवाओं को आरक्षण मिलेगा. निजी क्षेत्र में तीस हजार रुपये प्रति माह तक के वेतन वाली 75 प्रतिशत नौकरियां राज्य के युवाओं को मिलेंगी. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का भी मन बनाया है, इसकी भी घोषणा विधान सभा में ही किए जाने की संभावना है.

हरियाणा में 50 हजार तक सैलरी वालों को आरक्षण

बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने एक कानून बनाकर राज्य में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण हरियाणा के रिहायशी प्रमाणपत्र धारकों के लिए जरूरी कर दिया था. यह आरक्षण 50 हजार रुपये मासिक तक के वेतन की नौकरियों के लिए है. राज्य में चल रही निजी क्षेत्र की उन कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म पर यह कानून लागू होगा, जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं. नियम के तहत एसडीएम या इससे उच्च पद वाले अधिकारी कानून लागू किए जाने की जांच कर सकेंगे और कंपनी परिसर में भी जा सकेंगे. इसके साथ ही कानून के नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनी पर 25 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

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