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श्रीनगर: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत में आतंकी हमले का खतरा मंडराने लगा है. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक तालिबान की वापसी के बाद पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी कैंप में हलचल बढ़ गई है और इनके मास्टरमाइंड भारत में आतंकियो को घुसपैठ कराने की साजिशों में लग गए हैं.
Zee Media को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पीओके (PoK) में तीन नए टेरर कैंप को एक्टिव किया गया है, जिससे अब टेरर कैंप की संख्या 17 से बढ़ कर 20 हो गई है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक भारत-पकिस्तान के बीच फरवरी में हुए सीजफायर के बाद से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी एक बार फिर से आतंकियो को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने की साजिशों में लग गई है.
इस महीने 18-19 की रात में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से लगे उरी में 6 आतंकियों के घुसपैठ की जानकारी मिलने के बाद सेना पिछले 30 घंटे से लगातार आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में लगी हुई है. इन आतंकियों के बारे में जानकारी मिली है कि वो ऐसे ही टेरर कैंप से ट्रेनिंग लेकर जम्मू-कश्मीर में किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश में दाखिल होने की कोशिश में हैं.
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सुरक्षा एजेंसियों को ये आशंका है कि तालिबान के हाथ लगे हथियारों के जखीरे को लश्कर और जैश के आतंकियो को दिए जा रहे है. यही नहीं आईएसआई (ISI) लगातार कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले की साजिशों में लगी हुई है.
जानकारी के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल पर बने लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों की संख्या बढ़ रही है और वो भारत मे घुसपैठ करने की लगातार कोशिशों में लगे हुए हैं. आतंकी जम्मू से सटे अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए घुसपैठ करने की भी कोशिश कर रहे है, जिससे जम्मू को टारगेट किया जा सके.
सूत्रों के मुताबिक पीओके के जिन टेरर कैंप्स में लश्कर और जैश के आतंकियों की ज्यादा मूवमेंट देखी दी जा रही है उनके नाम हैं बोई, मुज्जफराबाद, कोटली, बरनाला,लाका ए गैर, शेरपाई, देवलीन, खालिद बिन वालिद, गरही और दुपट्टा, कैम्प्स है.
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