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नई दिल्ली: भारत को युवाओं का देश कहा जाता है क्योंकि भारत की 65 प्रतिशत जनता की उम्र 35 साल से कम है. लेकिन भारत में संसद और विधान सभाओं में पहुंचने वाले नेताओं की औसत उम्र 60 साल है. ये नेता देश को जाति और धर्म की राजनीति में उलझाकर रखते हैं. इसीलिए देश के मीडिया के लिए आज की सबसे बड़ी खबर पंजाब की राजनीति है, जहां कांग्रेस ने 79 वर्ष के कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) को हटाकर 58 साल के दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया है.
लेकिन आज हम सबसे पहले इन उम्र दराज नेताओं की नहीं बल्कि युवाओं की बात करेंगे और आपको बताएंगे कि जब कोई देश युवा शक्ति को अपनी सॉफ्ट पावर (Soft Power) बनाता है तो कैसे पूरी दुनिया उसे गौर से सुनती है. हम दक्षिण कोरिया (South Korea) की बात कर रहे हैं, जिसके मशहूर म्यूजिक बैंड बीटीएस (BTS) ने सोमवार को न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र में एक भाषण दिया बल्कि एक शानदार परफॉर्मेंस देकर दुनिया भर के युवाओं का ध्यान उस अंतर्राष्ट्रीय मंच की तरफ खींचा जहां अक्सर दुनिया के नेता आते हैं और लंबे-लंबे और बोरिंग भाषण देकर चले जाते हैं.
मंगलवार से अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York) में संयुक्त राष्ट्र की 76वीं महासभा की शुरुआत होगी जिसमें अमेरिका के 78 साल के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Jo Biden) हिस्सा लेंगे. चीन के 68 वर्ष के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) भी इसमें शामिल होंगे. भारत के 71 साल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी दुनिया के सामने भारत की बात रखेंगे. इसी मंच पर आपको रूस के 68 साल के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भी होंगे और ब्रिटेन के 57 साल के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) भी आपको दिखाई देंगे.
लेकिन आज दुनिया का ये सबसे बड़ा मंच दक्षिण कोरिया के उन 7 युवाओं के नाम था जिनकी उम्र 23 से 28 वर्ष के बीच है. दुनिया इन्हें BTS के नाम से जानती हैं. BTS को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने अपना विशेष दूत नियुक्त किया है और इन्हें विशेष राजनयिक पासपोर्ट (Diplomatic Passports) भी जारी किए गए हैं. BTS के सदस्यों ने आज पहले संयुक्त राष्ट्र में एक भाषण दिया और फिर अपने गाने पर एक शानदार परफॉर्मेंस दी जिसका नाम है परमिशन टू डांस (Permission To Dance).
ये गाना जुलाई 2021 में रिलीज हुआ था और पहले हफ्ते में ही इसे डेढ़ करोड़ लोगों ने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के जरिए सुना था. बीटीएस ने बता दिया कि जिस मंच पर दुनिया के बड़े-बड़े नेता कई बार अपनी छाप नहीं छोड़ पाते, जहां पुराने जमाने की वैश्निक राजनीति किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाती. उस मंच से आर्ट, म्यूजिक और युवाओं के जरिए कैसे दुनिया का दिल जीता जा सकता है. इस मौके पर बीटीएस के सदस्यों ने कहा कि उनकी पीढ़ी लॉस्ट जेनरेशन (Lost Generation) नहीं है. बल्कि वेबकमिंग जेनरेशन है. ऐसी पीढ़ी जो सभी नई बातों का स्वागत करती है.
इसके अलावा बीटीएस ने ये भी कहा कि कोविड-19 दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है. लेकिन युवा इस चुनौती से निपटना जानते हैं. हालांकि बीटीएस ने इस महामारी की वजह से अपने वर्ल्ड टूर के रद्द होने पर भी निराशा जताई. हैरानी की बात ये है कि जब बीटीएस के सदस्य ये भाषण दे रहे थे तब 10 लाख लोग उन्हें लाइव ऑनलाइन देख रहे थे.
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