BHISHM Portable Hospital: आसमान से उड़ते-उड़ते जमीन पर आया अस्पताल, IAF ने कराई पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स की सेफ लैंडिंग
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BHISHM Portable Hospital: आसमान से उड़ते-उड़ते जमीन पर आया अस्पताल, IAF ने कराई पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स की सेफ लैंडिंग

BHISHM Portable Hospital Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में आज हैरत में डाल देने वाला नजारा देखने को मिला. काफी देर तक लोगों की नजर आसमान पर ही टिकी रही. दरअसल भारतीय वायुसेना आगरा में भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स का पहला एयरड्रॉप परीक्षण कर रही थी.

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BHISHM Portable Hospital: आसमान से उड़ते-उड़ते जमीन पर आया अस्पताल, IAF ने कराई पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स की सेफ लैंडिंग

BHISHM Portable Hospital Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में आज हैरत में डाल देने वाला नजारा देखने को मिला. काफी देर तक लोगों की नजर आसमान पर ही टिकी रही. दरअसल भारतीय वायुसेना आगरा में भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स का पहला एयरड्रॉप परीक्षण कर रही थी. इंडियन एयरफोर्स ने आगरा में मंगलवार को भीष्म पोर्टेबल अस्पताल क्यूब्स के एयरड्रॉप का परीक्षण किया. पहली बार एयरफोर्स पोर्टेबल अस्पताल का परीक्षण किया और यह सफल रहा.

अस्पताल के सफल एयरड्रॉप परीक्षण

एयरड्रॉप परीक्षण यह देखने के लिए किया गया कि क्या आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अस्पताल को सफलतापूर्वक तैनात करना संभव है या नहीं. इससे पहले जनवरी में भीष्म पोर्टेबल अस्पताल अयोध्या में देखने को मिला था. मंदिर भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान दो आरोग्य मैत्री आपदा प्रबंधन क्यूब तैनात किए गए थे. इस समारोह में लगभग 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद थी. ये क्यूब्स अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और सरकार के "प्रोजेक्ट भीष्म" का हिस्सा है जो कि भारत की एक स्वास्थ्य पहल है.

बेहद खास है ये पोर्टेबल अस्पताल

भीष्म को त्वरित प्रतिक्रिया और व्यापक देखभाल पर मुख्य फोकस के साथ 200 हताहतों तक के इलाज के लिए तैयार किया गया है. इस क्यूबिकल हॉस्पिटल को इमरजेंसी जैसी स्थिति के लिए एडवांस तकनीक के साथ तैयार किया गया है. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स पर आधारित है जिससे त्वरित उपचार देने में आसानी होगी.

200 लोगों तक का इलाज

एक्सपर्टों के मुताबिक डिजास्टर के वक्त इस अस्पताल (World Smallest Portable Hospital) में 200 मरीजों को इलाज की सुविधा दी जा सकती है. इसके साथ ही 25 लोगों का एक साथ एक वक्त पर टेस्ट किया जा सकता है. इस पोर्टेबल अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर सर्जरी तक, आग लगने, युद्ध, बाढ़, भूकंप- हर तरह के पीड़ितों का तुरंत और बेहतर इलाज मिल सकता है. इतना ही नहीं दावा यह भी किया गया है कि इस अस्पताल को तैयार करने में सिर्फ और सिर्फ 8 मिनट लगेंगे.

अंजान डॉक्टर भी कर सकता है ऑपरेट

अस्पताल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कोई अंजान डॉक्टर भी इसे तैयार कर लेगा. इसके लिए दो मोबाइल फोन साथ दिए जाते हैं. ये फोन ऑफलाइन सिस्टम में भी काम कर सकते हैं यानी इंटरनेट की जरुरत भी नहीं है. सुरक्षा और हादसे की जगह के हिसाब से ये फीचर बेहद अहम है. इसमें जरूरी जानकारियां 60 भाषाओं में दी गई हैं. 

सोलर एनर्जी से भी चलेगा

गौर करने वाली बात यह है कि इस पोर्टेबल अस्पताल को पूरी तरह सोलर एनर्जी और बैटरीज की मदद से हैंडल किया सकता है. टेस्ट करने की लैब, वेंटिलेटर, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड मशीन जैसे उपकरण से लैस इस अस्पताल में वो सबकुछ है जो किसी आधुनिक अस्पताल में होना चाहिए. फ्रैक्चर, हेड इंजरी, ब्लीडिंग या सांस की समस्या हो या एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाओं की जरुरत.. अस्पताल में सब मौजूद है.

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