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नई दिल्ली: दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) के बेटे फैसल पटेल (Faisal Patel) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मुलाकात की, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं हैं कि युवा पटेल कांग्रेस से अलग होकर कुछ और विकल्प की ओर देख सकते हैं.
अहमद पटेल (Ahmed Patel) के बेटे फैसल पटेल (Faisal Patel) ने केजरीवाल के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की और लिखा, 'आखिरकार हमारे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जी से मिलने पर गौरवांवित महसूस कर रहा हूं! एक दिल्ली निवासी के रूप में, मैं उनके वर्क एथिक्स और नेतृत्व कौशल का एक अग्रणी प्रशंसक हूं. मानवता पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और देश में वर्तमान राजनीतिक मामलों पर चर्चा की.'
Proud to finally meet our Delhi CM Shri @ArvindKejriwal ji! As a Delhi resident, I’m an ardent admirer of his work ethics & leadership skills. Discussed Artificial Intelligence’s impact on humanity & the current political affairs in the country. @CMODelhi pic.twitter.com/75hg0q2E4p
— Faisal Patel (@mfaisalpatel) April 3, 2021
यह बैठक एक तरह से कांग्रेस के लिए परेशान करने वाली है, क्योंकि अहमद पटेल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के वफादार थे और गांधी परिवार के बाद पार्टी के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माने जाते थे. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री गुजरात चुनाव (Gujarat Election) पर नजर बनाए हुए हैं, ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री से पटेल का मुलाकात करना काफी अहम माना जा रहा है. पार्टी गुजरात में एक विश्वसनीय चेहरे की तलाश में भी है.
हाल के दिनों में, केजरीवाल ने गुजरात का दौरा किया है और हाल ही में संपन्न शहरी चुनावों में पार्टी ने सूरत में अच्छा प्रदर्शन किया था, जहां कांग्रेस को आप ने पछाड़ दिया. अहमद पटेल की गुजरात में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर जबदरस्त लोकप्रियता थी और अपने घर भरूच में वह काफी लोकप्रिय थे. फैसल पटेल के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्हें पार्टी द्वारा उनके पिता के निधन के बाद से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है.
फैसल अपने पिता के राजनीति में सक्रिय रहने तक ज्यादा सक्रिय नहीं थे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि परिवार अब राजनीति में फिर से अपने पैर जमाना चाहता है. यह गांधी परिवार की अनुमति के बिना नहीं हो सकता. फैसल के लिए राजनीति में प्रवेश करने का एकमात्र तरीका यह है कि वह अभी से 2024 लोक सभा चुनाव की तैयारी करें, लेकिन इसमें काफी देरी है, जबकि गुजरात विधान सभा चुनाव अगले साल ही हैं.
आप (AAP) ने गुजरात नगर निगम चुनावों में 27 सीटें हासिल की थीं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि गुजरात की जनता ने भाजपा और कांग्रेस की राजनीति से तंग आकर काम की राजनीति के लिए वोट दिया है. सूत्रों का कहना है कि आप को युवा और विश्वसनीय चेहरों की जरूरत है और राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए हार्दिक पटेल सहित कई नेताओं पर पार्टी की नजर है.
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