महाराष्ट्र में क्या होगा? बीजेपी नेता ने मीटिंग में बोल दिया- अजित पवार को गठबंधन से बाहर करो
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महाराष्ट्र में क्या होगा? बीजेपी नेता ने मीटिंग में बोल दिया- अजित पवार को गठबंधन से बाहर करो

Maharashtra News: इसी बीच गुरुवार को अचानक उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की एक मुलाकात के भी सियासी मायने तलाशे जाने लगे. हुआ यह कि फडणवीस और उद्धव गुरुवार को विधानभवन की लिफ्ट में मुलाकात हो गई. इसे लेकर सियासी हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया है. 

महाराष्ट्र में क्या होगा? बीजेपी नेता ने मीटिंग में बोल दिया- अजित पवार को गठबंधन से बाहर करो

Ajit Pawar In Government: वैसे तो लोकसभा चुनाव का सुरूर अब धीरे धीरे कम हो चला और नै सरकार अपना काम काज संभाल चुकी है. अब फोकस विधानसभा चुनावों पर है. लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र से राजनितिक हलचलें सामने आ ही जाती हैं. इसी बीच ऐसी खबरें हैं कि गठबंधन सरकार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. इसकी बानगी तब हाल में देखने को मिली जब पुणे में शिरूर से बीजेपी के एक पदाधिकारी ने सत्तारूढ़ गठबंधन से उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को बाहर करने की मांग कर दी.

क्या बोल गए बीजेपी के नेता?

असल में सत्तारूढ़ गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी शामिल है. बीजेपी की शिरूर तहसील के उपाध्यक्ष सुदर्शन चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जिसमें वह पार्टी की एक बैठक में यह मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने पर राकांपा कार्यकर्ता नाराज भी हो गए. उन्होंने गुरुवार को ही इस बयान के लिए भाजपा नेता से माफी की मांग की.

नेतृत्व से कहते दिखाई दे रहे

इस वायरल वीडियो में बीजेपी नेता अपने नेतृत्व से कहते दिखाई दे रहे हैं कि आपके लिए यह सुझाव है. पार्टी कार्यकर्ता क्या सोच रहे हैं उसे समझिये. अगर आप कोई फैसला लेना चाहते हैं तो महायुति गठबंधन से अजित पवार को बाहर करिये. उन्होंने यह भी कहा कि अगर अजित पवार सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा नहीं होते तो सुभाष देशमुख, राहुल कुलकर्णी और योगेश तिलेकर जैसे वरिष्ठ नेता मंत्री बन सकते थे और अन्य को सरकारी निगमों का प्रमुख बनाया जा सकता था.

कार्यकर्ताओं की इच्छा है?

सुभाष देशमुख, राहुल कुलकर्णी और योगेश तिलेकर बैठक में मौजूद थे. चौधरी ने दावा किया कि भाजपा पिछले 10 वर्षों से पवार की आलोचना करती आ रही थी लेकिन राज्य में कार्यकर्ता अब भयभीत महसूस कर रहे हैं क्योंकि उपमुख्यमंत्री ही मामलों की कमान संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि तहसील में सभी भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि उन्हें ऐसी शक्तियां नहीं चाहिए, जिसमें अजित पवार का हस्तक्षेप हो.

अजीत के समर्थकों ने खोला मोर्चा

इसी बीच जब चौधरी संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे तभी राकांपा के कुछ कार्यकर्ता वहां मौजूद कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) परिसर पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे. राकांपा कार्यकर्ताओं ने चौधरी से उपमुख्यमंत्री के खिलाफ दिये बयान पर माफी मांगने को कहा. चौधरी ने बाद में स्पष्ट किया कि उनके विचार निजी थे और इसका भाजपा के रुख से कोई संबंध नहीं है.

उन्होंने इस मुद्दे पर हंगामा करने वाले रांकपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर मेरे शब्दों से अजित दादा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में चौधरी ने उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को ‘टैग’ करते हुए कहा कि वह जनता की भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे और बाद में उन्हें “राकांपा के गुंडों” द्वारा धमकी दी गई. उन्होंने फडणवीस से पुलिस सुरक्षा देने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें उनकी जान का खतरा है.

उधर फडणवीस और उद्धव की मीटिंग चर्चा में

इसी बीच गुरुवार को अचानक उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की एक मुलाकात के भी सियासी मायने तलाशे जाने लगे. हुआ यह कि फडणवीस और उद्धव गुरुवार को विधानभवन की लिफ्ट में मुलाकात हो गई. इसे लेकर सियासी हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया है. महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन फडणवीस और ठाकरे एक साथ लिफ्ट का इंतजार कर रहे थे. एक वीडियो में दोनों नेता इस दौरान बातचीत करते दिखते हैं. 

हालांकि बाद में उद्धव ने संवाददाताओं से हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि लिफ्ट के कान नहीं होते तथा लिफ्ट में इस तरह की और मुलाकात एक अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि लिफ्ट की घटना का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए क्योंकि यह एक अप्रत्याशित मुलाकात थी. 

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