Yogi Adityanath का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने यूपी बीजेपी की अंदरूनी खटपट की तरफ इशारा किया है.
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UP Politics: कल सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सपा और कांग्रेस पर जमकर शब्दबाण छोड़े. मुख्यमंत्री ने सपा सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ''आपको बुलडोजर से डर लगता है लेकिन यह निर्दोष के लिए नहीं है बल्कि उन अपराधियों के लिए है जो प्रदेश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, प्रदेश के व्यापारियों और बेटियों की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करते हैं. मैं यहां नौकरी करने के लिये नहीं आया हूं. मेरा दायित्व बनता है कि अगर कोई गड़बड़ी करेगा तो वह भुगतेगा भी. मैं अपना दायित्व मानता हूं कि हम लोग उससे लड़ेंगे. यह हमारी सामान्य लड़ाई नहीं है. यह प्रतिष्ठा की लड़ाई भी नहीं है. मुझे प्रतिष्ठा प्राप्त करनी होती तो उससे ज्यादा प्रतिष्ठा मुझे अपने मठ में मिल जाती है.''
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों समाजवादी पार्टी सपा और कांग्रेस पर करारा तंज करते हुए कहा कि वर्ष 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में सपा 'सफा चट' होने जा रही है और भाजपा, कांग्रेस के 'एक लाख रुपये के बॉण्ड' का हिसाब मांगेगी.
राहुल गांधी द्वारा अपनी पार्टी के घोषणापत्र में महिलाओं और युवाओं को हर साल एक लाख रुपये की सहायता देने के वादे के लिये 'खटाखट' शब्द का इस्तेमाल किये जाने का जिक्र करते हुए कहा, ''चुनाव में खटाखट, खटाखट, खटाखट...एक लाख का वह बॉण्ड कहां गया?''
मुख्यमंत्री ने सपा सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ''मैं कह सकता हूं कि खटाखट नहीं, 27 (2027 के विधानसभा चुनाव) में सफा चट की तैयारी रखिए. तब हम एक लाख के बॉण्ड का हिसाब मांगेंगे.''
अखिलेश का आया जवाब
इसका जवाब देते हुए सपा नेता अखिलेश यादव ने एक्स पर सीएम योगी का नाम लिए बिना लिखा, 'दिल्ली का गुस्सा लखनऊ में क्यों उतार रहे हैं? सवाल ये है कि इनकी प्रतिष्ठा को ठेस किसने पहुंचाई? कह रहे हैं सामने वालों से पर बता रहे हैं पीछे वालों को. कोई है पीछे?
दरअसल योगी आदित्यनाथ का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने यूपी बीजेपी की अंदरूनी खटपट की तरफ इशारा किया है. लोकसभा चुनावों में यूपी के भीतर लचर प्रदर्शन के बाद राज्य बीजेपी में खींचतान की बात सामने आ रही है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच तनातनी की खबरें चल रही हैं. सहयोगी दलों अनुप्रिया पटेल, डॉ संजय निषाद की तरफ से सवाल उठे हैं. बीजेपी के भीतर ही एक विपक्ष बनता दिख रहा है. सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इन सबमें सबसे हैरानी वाली बात ये है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से इस खींचतान को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं दिखते हैं.
दिल्ली का ग़ुस्सा लखनऊ में क्यों उतार रहे हैं?
सवाल ये है कि इनकी प्रतिष्ठा को ठेस किसने पहुँचाई? कह रहे हैं सामनेवालों से पर बता रहे हैं पीछेवालों को।
कोई है पीछे?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 2, 2024
इसी की पृष्ठभूमि में सपा नेता अखिलेश यादव ने सीएम योगी से पूछा है कि क्या कोई आपके पीछे है? आखिर किसने आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है. एक तरह से अखिलेश यादव ये कहना चाह रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पीछे विपक्ष नहीं बल्कि खुद उनके दल के भीतर के लोग पड़े हैं. सीएम योगी ने भी अभी तक अंदरूनी खटपट पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इसलिए ही सीएम योगी से उन्होंने इशारों में पूछा है कि कहीं आप अपने लोगों की खीज विपक्ष पर तो नहीं निकाल रहे हैं.