UP की सियासत में श्री कृष्ण की एंट्री, नए नारे के साथ दिखे Akhilesh Yadav के पोस्टर
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UP की सियासत में श्री कृष्ण की एंट्री, नए नारे के साथ दिखे Akhilesh Yadav के पोस्टर

Akhilesh Yadav's Posters With New Slogan: यूपी की सत्ता में वापसी करना अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. समाजवादी पार्टी की लड़ाई सीधे बीजेपी से है.

यूपी की राजधानी लखनऊ में लगे अखिलेश यादव के पोस्टर.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सियासत में भगवान श्री राम के बाद अब प्रभु श्री कृष्ण की एंट्री भी हो गई है. लखनऊ की सड़कों पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नए पोस्टर और होल्डिंग दिख रहे हैं. जिस पर नया नारा लिखा हुआ है- 'कृष्णा कृष्णा हरे हरे, अखिलेश भैया घरे घरे'. यह पोस्टर मुख्यमंत्री आवास के चौराहे और लखनऊ के अन्य प्रमुख चौराहों पर लगाया गया है.

  1. सपा का नया नारा- 'कृष्णा कृष्णा हरे हरे, अखिलेश भैया घरे घरे'
  2. यूपी की सत्ता में वापसी करना चाहती है समाजवादी पार्टी
  3. बीजेपी से है समाजवादी पार्टी का मुकाबला

विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी इस वक्त 2022 में होने वाले यूपी विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हुई है. पार्टी 5 साल बाद फिर से सत्ता में वापसी करना चाहती है. इस बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सपा के नए-नए पोस्टर और होल्डिंग लगे नजर आ रहे हैं.

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सत्ता में वापसी करना अखिलेश के लिए बड़ी चुनौती

बता दें कि यूपी की सत्ता में वापसी करना अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. समाजवादी पार्टी की लड़ाई सीधे बीजेपी से है. हालांकि इन दिनों अखिलेश यादव काफी मेहनत कर रहे हैं. कोविड का पहला चरण खत्म होने के बाद जब अनलॉक हुआ तो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों का दौरा किया. अखिलेश यादव ने 240 विधान सभा सीटों पर प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया.

अखिलेश ने सोशल इंजीनियरिंग पर किया काम

अखिलेश यादव इस दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के घर रात 12-1 बजे तक उनसे मिलने पहुंच जाते थे. उन्होंने हर जिले में प्रशिक्षण शिविर के दौरान लगभग 1,500 कार्यकर्ताओं के साथ वन टू वन बातचीत कर उनके साथ फोटो भी खिंचवाई. इसके अलावा अखिलेश यादव ने यूपी में सोशल इंजीनियरिंग पर काम किया है. वो बीएसपी, कांग्रेस और बीजेपी के कई मजबूत नेताओं को सपा में शामिल करवा चुके हैं. यानी चुनाव से पहले सारे कील कांटे दुरुस्त करने में अखिलेश जुटे हैं.

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साल 2012 में जब समाजवादी पार्टी चुनाव जीती थी, तब उसे 224 विधान सभा सीटें मिली थीं. सपा 2022 में भी ऐसी ही वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है.

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