कोर्ट ने EC से पूछा, धर्म आधारित भड़काऊ भाषण पर कैसे लगे रोक
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कोर्ट ने EC से पूछा, धर्म आधारित भड़काऊ भाषण पर कैसे लगे रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा धार्मिक आधार पर भड़काऊ भाषण देकर माहौल खराब करने के आरोप को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग से गुरुवार तक अपना पक्ष रखने और यह बताने के निर्देश दिये हैं कि इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए क्या किया जाए।

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा धार्मिक आधार पर भड़काऊ भाषण देकर माहौल खराब करने के आरोप को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग से गुरुवार तक अपना पक्ष रखने और यह बताने के निर्देश दिये हैं कि इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए क्या किया जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही और संजय हरकौली की पीठ ने स्थानीय अधिवक्ता अजमल खां की याचिका पर जारी किया है। अजमल खां ने अपनी याचिका में कहा है कि कई राजनीतिक दल उनके एजेंट और वक्ता पार्टियों की सहमति से धर्म आधारित अपील कर रहे हैं जो जनप्रतिनिधि अधिनियम के खिलाफ है। इससे सामाजिक समरसता बिगड़ने की भी आशंका रहती है।

अदालत ने चुनाव आयोग से इस संबंध में अदालत से सहयोग करने तथा गुरुवार तक यह बताने को कहा है कि वह इस मामले में क्या कदम उठा सकता है ताकि चुनावी माहौल बिगाड़ने की आशंका वाले भड़काऊ भाषण बंद कराये जा सकें।

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