Kandahar में Taliban के हमलों के बीच भारत ने अपने एंबेसी स्टाफ- सुरक्षा कर्मियों को वापस बुलाया
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Kandahar में Taliban के हमलों के बीच भारत ने अपने एंबेसी स्टाफ- सुरक्षा कर्मियों को वापस बुलाया

दक्षिणी अफगानिस्तान में कई इलाकों पर तालिबाल के कब्जे के बाद भारत (India) ने वहां से अपने करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया है. हालांकि वहां पर दूतावास लगातार काम कर रहा है. 

तालिबान से मुकाबले के लिए तैनात अफगानी सुरक्षाबल का जवान (साभार रायटर)

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की बढ़त के साथ ही सुरक्षा की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. दक्षिणी अफगानिस्तान में कई इलाकों पर तालिबाल के कब्जे के बाद भारत (India) ने वहां से अपने करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया है. ये राजनयिक कंधार (Kandahar) के वाणिज्य दूतावास में तैनात थे. 

  1. अफगानिस्तान भेजा गया था स्पेशल प्लेन
  2. भारतीयों को अफगानिस्तान में रहने की चेतावनी
  3. तालिबान के समर्थन में उतरा पाकिस्तान

अफगानिस्तान भेजा गया था स्पेशल प्लेन

अधिकारियों के मुताबिक ITBP के जवानों, राजनयिकों और अन्य कर्मियों को स्वदेश लाने के लिए शनिवार को भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान को अफगानिस्तान भेजा गया था. वहां से एयरलिफ्ट करके इन कर्मचारियों को भारत वापस लाया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कंधार और मजार-ए-शरीफ में दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने की कोई योजना नहीं है. 

उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात को देखते हुए स्टाफ को कुछ समय के लिए वापस बुलाया गया है. हालात ठीक होते ही उन्हें वापस अफगानिस्तान तैनात कर दिया जाएगा. 

भारतीयों को अफगानिस्तान में रहने की चेतावनी

वहीं काबुल में भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की यात्रा करने वाले भारतीयों से अलर्ट रहने के लिए कहा है. दूतावास ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात ठीक नहीं हैं. इसलिए इस देश की गैर-जरूरी यात्राओं से बचें. दूतावास ने अपनी चेतावनी में कहा कि आतंकवादी समूहों ने नागरिकों को निशाना बनाने के लिए कई खतरनाक हमले किए हैं. वहां पर भारतीय नागरिकों के अपहरण का भी गंभीर खतरा  है.

जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान (Afghanistan) में हिंसा बढ़ती देख कम से कम दो विदेशी मिशनों ने उत्तरी बाल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में अपना संचालन बंद कर दिया है. इसी बीच भारत में तैनात अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजे ने मंगलवार को विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला को अफगानिस्तान में स्थिति से अवगत कराया. 

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तालिबान के समर्थन में उतरा पाकिस्तान

सूत्रों के मुताबिक तालिबानी (Taliban) आतंकियों की मदद के लिए पाकिस्तान भी अप्रत्यक्ष रूप से पूरी ताकत झोंके हुए है. उसकी शह पर पाकिस्तान से सैकड़ों की संख्या में जैश और लश्कर के आतंकी अफगानिस्तान पहुंच रहे हैं. पाकिस्तान के आतंकी शिविरों में प्रशिक्षित ये दहशतगर्द तालिबान के साथ मिलकर अफगानी फौज पर बड़े हमले कर रहे हैं.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना खैबर पख्तूनख्वा ( Khyber- Pakhtunkhwa) में लश्कर के आतंकियों को ट्रेनिंग दे रही है. वहां पर उन्हें तालिबान (Taliban) की मदद के लिए तैयार किया जा रहा है. एक रिपॉर्ट के मुताबिक अफ़ग़ानिस्तान में लश्कर ए तैयबा के करीब 8000 आतंकी मौजूद हैं.

आतंकियों को ISI से मिल रहे निर्देश

अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) के हालात पर नजर रखने वालों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में अफगानी सुरक्षा एजेंसियों ने कई पाकिस्तानी आतंकियों को पकड़ा है. उन्होंने पूछताछ में ये खुलासा किया है कि उन्हें अफगानिस्तान में हमले के लिए ISI से निर्देश मिलते हैं.

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हालांकि ये पहले से आशंका जताई जा रही थी कि अमेरिकी सैनिकों के अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) से वापस लौटते ही हालात खराब हो सकते हैं. वह आशंका अब सच साबित हो रही है. अफ़ग़ानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. जिन्हें दोबारा वापस अपने क़ब्जे में पाने के लिए अफगानी सुरक्षा बल तालिबान से लड़ाई कर रहे हैं. (एजेंसी इनपुट भाषा)

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