कृषि कानूनों (Agriculture Law) का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने घर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के साथ बैठक की.
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Law) का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच केंद्र सरकार के मंत्रियों ने बुधवार को बैठक की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने घर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के साथ बातचीत की. बताया जा रहा है कि बैठक में तीनों मंत्रियों ने मंगलवार को केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत पर मंथन किया. बता दें कि मंगलवार को किसानों के साथ हुई बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए थे.
इस बीच दिल्ली और नोएडा बॉर्डर पर किसानों ने एक तरफ से रास्ता खोल दिया है. अब दिल्ली से मयूर विहार के रास्ते नोएडा आ सकेंगे. बता दें कि किसानों के प्रदर्शन के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. वहीं अक्षरधाम मंदिर के पास सड़क पर यातायात सामान्य है, मयूर विहार से सड़क पर कोई यातायात जाम नहीं है. हालांकि अक्षरधाम से मयूर विहार की ओर जाने वाली सड़क अभी भी बंद है.
इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों के सचिव स्तर के अधिकारी प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाने और मनाने की कोशिश करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार किसानों से चर्चा के लिए कई मंत्रालयों के अधिकारियों की सूची तैयार कर रही है. इसमें तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Law) के विभिन्न प्रावधानों के प्रत्येक खंड पर चर्चा करने के लिए कृषि, गृह और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे. इसमें मुख्य रूप से सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे और किसानों को समझाने की कोशिश करेंगे.
इससे पहले किसानों और सरकार के बीच मंगलवार को तीन दौर की बैठक हुई थी, जो बेनतीजा रही और किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) बुधवार (2 दिसंबर) को भी जारी है. बैठक के दौरान सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, लेकिन किसानों ने इससे इनकार कर दिया. दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक गुरुवार (3 दिसंबर) को होगी.
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दूसरी तरफ आगे की रणनीति बनाने के लिए सिंघू बॉर्डर पर किसान संगठनों के नेताओं की बैठक भी चल रही है. किसान नेता सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं. सिंघू बॉर्डर पर चल रही किसानों की इस बैठक में पंजाब के 30 किसान संगठनों के नेता मौजूद हैं. बैठक में जाने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों नये कृषि कानून को रद्द किया जाए, जबकि सरकार कमेटी बनाकर संशोधन की बात कर रही है.
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किसान संगठनों के साथ हुई बैठक में भले ही कोई हल न निकला हो, लेकिन सरकार ने किसान नेताओं से संबंधित प्रावधानों पर लिखित आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं. इसकी रिपोर्ट बुधवार तक किसान प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराना है. इस पर तीन दिसंबर को दोपहर 12 बजे से चर्चा होगी. सरकार का कहना है कि इससे जरूरी मुद्दों पर सही तरह से बातचीत करने में आसानी रहेगी. सरकार का कहना है कि पहले किसान संगठन नए बने कानूनों को लेकर अपने मुद्दे की सही तरह से पहचान कर लें. लिखित में अपने सुझावों का पुलिंदा तैयार करें, ताकि तीन दिसंबर को होने वाली चौथे राउंड की बैठक में आसानी हो.
प्रदर्शन के 7वें दिन गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार सुबह किसानों ने हवन कर अपना आक्रोश प्रकट किया. किसानों ने कहा कि बॉर्डर पर वातावरण शुद्ध रहे, सुख शांति बनी रहे और सरकार को सद्बुद्धि प्राप्त हो, इसके लिए इस हवन का आयोजन किया गया. भारतीय किसान यूनियन के युवा किसान नेता आलोक सोलंकी ने कहा कि किसानों की बातों को सरकार नही सुन रही है. राजनेताओं की बुद्धि की सुद्धि के लिए हम हवन कर रहे हैं.
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