Amit Shah Statement In Hindi: अमित शाह ने साफ कर दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) कभी वापस नहीं होगा. असदुद्दीन ओवैसी बताएं कि सीएए मुस्लिम विरोधी कैसे है.
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Amit Shah On CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज फिर से खुलकर बात की. अमित शाह ने कहा कि सीएए की टाइमिंग पर सवाल उठाना गलत है. कोरोना वायरस आने की वजह से नागरिकता संशोधन कानून में देरी हुई. उत्पीड़ित नागरिकों को नागरिकता का अधिकार है. सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों, ये लोग झूठ की राजनीति कर रहे हैं. इसलिए टाइमिंग का महत्व नहीं है. बीजेपी ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि हम CAA लाएंगे और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देंगे.
अरविंद केजरीवाल के CAA पर सवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम अपने भारत के बच्चों को रोजगार-घर नहीं दे पा रहे तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को कहां से देंगे. गृहमंत्री अमित शाह ने मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया. सीएए के पहले घुसपैठिये भारत में आने से डरते थे. लेकिन अब उनमें उत्साह है कि भारत में तो नागरिकता मिल ही जाएगी. पाकिस्तान के घुसपैठियों को सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. हमारे देश के लोगों के अधिकार मारकर उनको दिया जा रहा है.
CAA लागू होने की बात 41 बार कही
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2019 में ही यह बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था. कोरोना के कारण थोड़ी देर हुई. विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं. वे बेनकाब हो चुके हैं और देश की जनता जानती है कि CAA इस देश का कानून है. मैं 4 साल में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा.
CAA पर गृह मंत्री अमित शाह का पहला इंटरव्यू | LIVE#ZeeLive #AmitShah #CAA #Politics #BJP #PMModi #CAA https://t.co/NHrHoMB2OB
— Zee News (@ZeeNews) March 14, 2024
PM मोदी ने जो कहा, वह पत्थर की लकीर
बीजेपी CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है, इस पर अमित शाह ने कहा कि पर विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है. उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं. प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है और नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है. पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है. विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था. हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे.
ममता बनर्जी को दी नसीहत
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा. हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे. वह दिन दूर नहीं, जब बीजेपी पश्चिम बंगाल की सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी. अगर आप इस तरह की राजनीति करेंगे और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तुष्टीकरण की राजनीति कर घुसपैठ कराएंगे और शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का विरोध करेंगे, तो जनता आपके साथ नहीं होगी. ममता बनर्जी को शरण लेने वाले व्यक्ति और घुसपैठिए के बीच अंतर नहीं पता.
ओवैसी बताएं CAA मुस्लिम विरोधी कैसे?
अमित शाह ने कहा कि CAA कानून वापस नहीं लिया जाएगा. हम कभी भी इससे समझौता नहीं करेंगे. घोषणापत्र में CAA को लेकर वादा किया था. CAA नागरिकता छीनने का कानून नहीं है. CAA बीजेपी के लिए राजनीति का मुद्दा नहीं है. धर्म के आधार पर विभाजन किया गया था. धार्मिक प्रताड़ित लोग भारत में शरण लेंगे. पीड़ितों को नागरिकता देना हमारी जिम्मेदारी है. पाकिस्तानी हिंदुओं पर बहुत अत्याचार हुआ. प्रधानमंत्री मोदी की हर गारंटी पूरी करेंगे. CAA शरणार्थियों को न्याय देने का कानून है. ओवैसी बताएं कि ये मुस्लिम विरोधी कैसे है.
CAA को 'एंटी मुस्लिम' बताना गलत
अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तरफ से CAA को 'एंटी मुस्लिम' कानून बताए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते. 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था. उस समय कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अभी हिंसा चल रही है. आप जहां हैं वह रह जाइए. बाद में आप जब भी भारत में आएंगे आपका स्वागत है. लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया.
धार्मिक प्रताड़ना का जिम्मेदार कौन?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है. जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% सिख और हिंदू थे आज 3.7% बचे है. वे यहां तो नहीं आए. उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया. ये लोग कहां जाएंगे? क्या देश की संसद इसका विचार नहीं करेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22 प्रतिशत थी. लेकिन अब आंकड़ों के मुताबिक, 2011 में हिंदू आबादी घटकर 10% रह गई है, वे कहां गए?
कैसे मिलेगी भारत की नागरिकता?
अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है. किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है. यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज के आए हैं. जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे लेकिन जिनके पास दस्तावेज हैं वे अमूमन 85% से ज्यादा हैं. कोई समय सीमा नहीं है. आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है. भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार इंटरव्यू के लिए आपको कॉल करेगी. सरकार आपको दस्तावेज के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने इंटरव्यू किया जाएगा. वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है.