AMU स्टूडेंट को पीएम मोदी की तारीफ करना पड़ा महंगा, डिग्री वापस करने का मिला नोटिस
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AMU स्टूडेंट को पीएम मोदी की तारीफ करना पड़ा महंगा, डिग्री वापस करने का मिला नोटिस

AMU के एक स्टूडेंट ने आरोप लगाया है कि मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के लिए उसे पीएचडी की डिग्री से वंचित किया जा रहा है. स्टूडेंट को नोटिस जारी करके 7 दिनों में डिग्री वापस करने के लिए कहा गया है.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) सोशल मीडिया पर एक बार फिर से विवादों में आ गया है. दरअसल, एएमयू के एक स्टूडेंट ने आरोप लगाया है कि मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के लिए उसे पीएचडी की डिग्री से वंचित किया जा रहा है. 

  1. मीडिया में की थी पीएम मोदी की तारीफ
  2. 7 दिनों में डिग्री वापस करने का नोटिस जारी
  3. एएमयू ने आरोपों को बताया बे-बुनियाद

पीएम मोदी की तारीफ करना पड़ा भारी

देश के प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर चुके दानिश रहीम का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडिया में तारीफ करना उसे महंगा पड़ गया है. रहीम का आरोप है कि एएमयू प्रशासन ने पीएम मोदी की तारीफ करने पर उसे डिग्री वापस करने का नोटिस भेजा है. 

प्रधानमंत्री से की हस्तक्षेप करने की मांग

प्रधानमंत्री के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, एएमयू के स्टूडेंट दानिश रहीम ने कहा कि 'एएमयू ने मुझे भाषा विज्ञान में मिली डिग्री वापस करने और इसके बजाय एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग (एलएएम) में डिग्री लेने के लिए कहा. यह मेरे साथ इसलिए हो रहा है, क्योंकि मैंने मोदी की तारीफ की है' उन्होंने दावा किया कि एक न्यूज चैनल पर बाइट देते हुए मोदी की तारीफ करने पर भाषा-विज्ञान विभाग के हेड ने उन्हें फटकार लगाई थी. रहीम ने कहा कि उन्हें ऐसे काम करने से परहेज करने को कहा गया जो यूनिवर्सिटी के कल्चर के खिलाफ हों.

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डिग्री वापस करने का मिला आदेश

उन्होंने आगे कहा, "मुझे अपनी पीएचडी डिग्री वापस एएमयू में जमा करने के लिए एक नोटिस जारी किया गया था. चूंकि मैंने इस प्रतिष्ठित डिग्री को लेने के लिए 5 साल की कड़ी मेहनत की है, तो मैं अपनी डिग्री कैसे वापस कर सकता हूं? अगर एएमयू मेरी पीएचडी डिग्री रद्द कर देता है, तो मेरा पूरा करियर दांव पर लग जाएगा.'

एएमयू प्रोफेसर ने आरोपों को बताया निराधार

वहीं एएमयू के प्रोफेसर शैफी किडवे ने कहा कि आरोप पूरी तरह निराधार हैं. छात्र ने भाषा विज्ञान विभाग के एलएएम कोर्स में एमए और पीएचडी किया, जो भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री भी प्रदान करता है. चूंकि उन्होंने एलएएम में एमए किया है, इसलिए उन्हें एलएएम में पीएचडी की डिग्री मिलनी चाहिए. गलती से छात्र को भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री दे दी गई, इसलिए डिग्री बदलने को कहा गया है. उन्होंने आगे कहा कि प्रशासनिक निर्णय राजनीति से प्रभावित नहीं है. प्रोफेसर ने कहा, 'गलती से, उन्हें भाषा-विज्ञान में पीएचडी की डिग्री दी गई थी. इस गलती को सुधारा जाएगा. इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.'

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नोटिस जारी होने के 7 दिनों में डिग्री करनी होगी जमा

एएमयू ने दानिश रहीम को नोटिस जारी होने के 7 दिनों के भीतर रिप्लेसमेंट (डिग्री बदलने) के लिए 'गलत डिग्री' वापस करने को कहा था. यूनिवर्सिटी ने कहा, 'पूरे मामले की जांच की गई और चांसलर के सामने पेश किया गया, जिन्होंने आदेश दिया है कि आप भाषा-विज्ञान में पहले से जारी गलत पीएचडी डिग्री जमा करें, ताकि सही पीएचडी डिग्री आपको जारी की जा सके.'

(इनपुट-IANS)

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