आनंद तेलतुंबड़े ने कहा, 'लोगों को चुप कराने के लिए UAPA का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है'
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आनंद तेलतुंबड़े ने कहा, 'लोगों को चुप कराने के लिए UAPA का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है'

माओवादियों के साथ संबंध होने के संदेह में मंगलवार को कुछ वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ ही आनंद तेलतुंबड़े के घर पर भी छापेमारी की गई थी.

आनंद तेलतुंबड़े (फोटो साभार @AnandTeltumbde)

नई दिल्ली: मानवाधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े ने बुधवार को कहा कि सरकार चुनिंदा बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं को लक्षित करके लोगों को ‘चुप’ और आतंकित करने के के वास्ते कठोर प्रावधानों वाले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) कानून का ‘दुरूपयोग’ कर रही है.

महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को कोरेगांव - भीमा गांव में हुई हिंसा की जांच के तहत कई राज्यों में यह छापेमारी की थी और पांच प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. गौरतलब है कि पिछले साल 31 दिसंबर को पुणे हुए एलगार परिषद कार्यक्रम के बाद यह हिंसा हुई थी. माओवादियों के साथ संबंध होने के संदेह में मंगलवार को कुछ वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ ही तेलतुंबड़े के घर पर भी छापेमारी की गई थी.

तेलतुंबड़े ने एक बयान में आग्रह किया कि उनके जैसे निर्दोष लोगों के ‘उत्पीड़न और शोषण’ का न्यायपालिका संज्ञान लें. उन्होंने उन परिस्थितियों के बारे में बताया जिनमें गोवा में उनके आवास पर छापे की कार्रवाई गई थी.

वरिष्ठ प्रोफेसर तेलतुंबड़े ने कहा कि उन्हें उनके घर पर छापेमारी के बाद इस बारे में पता चला. प्रोफेसर तेलतुंबड़े ने कहा,‘उन्होंने मेरे बारे में पूछताछ की और वे मुख्य द्वार से एक सुरक्षाकर्मी को घर दिखाने के लिए ले गये. दूसरे द्वार पर उन्होंने यहीं दोहराया और वे सभी सेल फोन ले गये और मेरे घर की तरफ आने वाली फोन लाइन को काट दिया. उन्होंने चाबियां लेने के लिए सुरक्षा गार्ड को धमकी दी.’ उन्होंने बयान में कहा,‘पूरी प्रक्रिया को इस तरह अंजाम दिया गया जैसे मैं कोई कुख्यात आतंकवादी या अपराधी था.’

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