दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी केरल को 10-10 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की है.
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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू ने बाढ़ से तबाह केरल के लिए शुक्रवार 10 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की. बता दें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी केरल को 10-10 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की है. पंजाब सरकार के बयान के अनुसार तुरंत खाने योग्य 30 टन खाद्य सामग्री केरल भेजी जाएगी.
इससे पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट पर लोगों से मदद की अपील करते हुए लिखा कि केरल में पिछले 100 सालों में सबसे भयंकर बाढ़ आई है. 80 बांधों के द्वारा खोल दिए गए हैं, 324 लोगों की जान चली गई है, 223139 लोग 1500 से ज्यादा राहत कैंपों में रह रहे हैं.
Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu has announced an aid of Rs 10 crores for the flood-hit Kerala. (File pic) pic.twitter.com/b7UobMaFmN
— ANI (@ANI) August 17, 2018
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी केरल में बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए शुक्रवार रात तिरुवनंतपुरम पहुंच गए . दिन में पीएम मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री से बातचीत की थी और उनसे स्थिति के बारे में चर्चा की . प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया,‘केरल में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां के लिए रवाना हो रहा हूं.’
Kerala is facing its worst flood in 100 years. 80 dams opened, 324 lives lost and 223139 people are in about 1500+ relief camps. Your help can rebuild the lives of the affected. Donate to https://t.co/FjYFEdOsyl #StandWithKerala.
— CMO Kerala (@CMOKerala) August 17, 2018
बता दें केरल मानसूनी वर्षा से बेहद प्रभावित हुआ है. वहां नदियां और बांधों के जलाशयों से पानी बह रहा है. राज्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न है. आपदा ने इस प्राकृतिक छटा वाले राज्य को झकझोर कर रख दिया है. इसके चलते इसका पर्यटन उद्योग बर्बाद हो गया है, हजारों हेक्टेयर भूभाग में उपजी फसलें तबाह हो गयी हैं और बुनियादी ढांचे को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का बड़ा कार्य शुरू किया है. ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गयीं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया. ये गांव आज किसी द्वीप में तब्दील हो गए हैं.
(इनपुट - भाषा)