विस्ट्रॉन ने कहा, 'हमारी टीम के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई हमेशा से हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. कुछ श्रमिकों को सही ढंग से या समय पर भुगतान नहीं किया गया था.' वहीं एप्पल ने अपने बयान में कहा कि सप्लायर को प्रोबेशन पर रखा गया है और जब तक वह सुधारात्मक काम पूरे नहीं कर लेता है, तब तक उसे कोई नया बिजनेस नहीं दिया जाएगा.'
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बेंगलुरु: एप्पल (Apple) आईफोन (iPhone) बनाने वाली ताइवान की कंपनी Wistron Pvt Ltd के स्वामित्व वाली कर्नाटक फैक्ट्री में हिंसा भड़कने के करीब एक हफ्ते बाद फर्म ने शनिवार को भारतीय ऑपरेशन देखने वाले टॉप एग्जीक्यूटिव को हटा दिया है. विस्ट्रॉन ने कहा, 'हमारी टीम के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई हमेशा से हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. कुछ श्रमिकों को सही ढंग से या समय पर भुगतान नहीं किया गया था.'
एप्पल ने अपने बयान में यह भी कहा कि सप्लायर को प्रोबेशन पर रखा गया है और जब तक वह सुधारात्मक काम पूरे नहीं कर लेता है, तब तक उसे कोई नया बिजनेस नहीं दिया जाएगा.
पिछले हफ्ते हुई थी हिंसा
पिछले शनिवार को बेंगलुरु के पास फैक्ट्री में ठेके पर काम करने वाले हजारों मजदूरों ने कथित तौर पर मजदूरी न दिए जाने से नाराज होकर फैक्ट्री और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. Apple सप्लायर को इससे $ 7.12 मिलियन (करीब 53 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है. इस सप्ताह के शुरू में केंद्र ने राज्य को मजदूरी और श्रम-संबंधी विवादों को देखने के लिए कहा था.
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आज ताइवान की फर्म ने अपने बयान में कहा, 'हम भारत में हमारे व्यापार की देखरेख करने वाले वाइस प्रेसिडेंट को हटा रहे हैं. साथ ही ऐसी समस्याएं फिर से न हों इसके लिए हम जरूरी कदम उठा रहे हैं और अपनी टीमों का पुनर्गठन कर रहेहैं. हमारी टीम के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई हमेशा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है और यही Wistron की कोर वैल्यू हैं. नरसापुरा की फैक्ट्री में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बाद से हमने पाया है कि कुछ श्रमिकों को सही ढंग से, या समय पर भुगतान नहीं किया गया था. हम गहरा खेद व्यक्त करते हैं और सभी वर्कर्स से माफी मांगते हैं.'
वर्कर्स को देंगे तुरंत मुआवजा
बयान में आगे कहा गया, 'हमारी पहली प्राथमिकता सभी वर्कर्स को तुरंत मुआवजा देने की है. हमने यहां एम्प्लाई असिस्टेंस प्रोग्राम भी शुरू किया है.'
बता दें कि विस्ट्रॉन एप्पल के टॉप ग्लोबल सप्लायर्स में से एक है. टेक दिग्गज ने भी शनिवार को एक बयान जारी किया है. इसमें कहा है, 'हमारे शुरुआती निष्कर्ष के मुताबिक सप्लायर हमारे कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार काम के घंटों की मैनेजमेंट प्रोसेस को लागू करने में विफल रहा है, जिससे अक्टूबर और नवंबर में कुछ श्रमिकों को भुगतान में देरी हुई. हम बहुत निराश हैं और इन मुद्दों का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठा रहे हैं. विस्ट्रॉन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और नरसापुरा में अपनी टीमों का पुनर्गठन कर रहा है. साथ ही कन्नड़, तेलुगु, तमिल, हिन्दी और अंग्रेजी में श्रमिकों की समस्याएं सुनने के लिए हॉटलाइन भी शुरू कर रहा है. हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी श्रमिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए और तुरंत पूरा मुआवजा दिया जाए.'
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि एक सरकारी निरीक्षण में पता चला है कि एप्पल सप्लायर तेजी से मैनपॉवर बढ़ने के कारण चीजों को संभाल नहीं पाया. हाल ही में शुरू किए इस प्लांट में मैनपॉवर की संख्या 5,000 से 10,500 पर पहुंच गई.
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