Kejriwal's Arrest: अंदरूनी मामले में ‘टिप्पणी’ भारत नहीं करेगा सहन, जर्मनी के बाद अब अमेरिका को सुनाई खरी-खरी
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Kejriwal's Arrest: अंदरूनी मामले में ‘टिप्पणी’ भारत नहीं करेगा सहन, जर्मनी के बाद अब अमेरिका को सुनाई खरी-खरी

Foreign Policy: यह दूसरी बार है जब किसी देश ने इस मसले पर बयान दिया है. इससे पहले जर्मनी भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी कर चुका है और भारत ने उसका कड़ी निंदा की थी. 

Kejriwal's Arrest: अंदरूनी मामले में ‘टिप्पणी’ भारत नहीं करेगा सहन, जर्मनी के बाद अब अमेरिका को सुनाई खरी-खरी

Ministry of External Affairs, India: दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बुधवार को (27 मार्च) को अमेरिका की कार्यवाहक मिशन डिप्टी चीफ ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया. मुलाकात करीब 30 मिनट से अधिक तक चली. भारत सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की टिप्पणी के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

यह दूसरी बार है जब किसी देश ने इस मसले पर बयान दिया है. इससे पहले जर्मनी भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी कर चुका है और भारत ने उसका कड़ी निंदा की थी. भारत एक स्पष्ट संदेश देने चाहता है कि अंदरूनी मामलों में किसी भी तरह का दखल, बयान बाजी सहन नहीं होगी.

इससे पहले अमेरिका ने यूएस ने जब सीएए पर भी बयान दिया था तो भारत ने उसे गैरजरूरी और गलत बताया था.

विदेश मंत्रायल ने जारी किया बयान
भारतीय विदेश मंत्रीलय ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, 'हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं. डिप्लोमेसी में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है. साथी लोकतंत्रों के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है.'

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो उद्देश्यपूर्ण और समय पर परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है और उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है.'

बता दें अमेरिकी विदेश विभाग एक अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन 'मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए प्रोत्साहित करता है.'

जर्मनी ने भी की थी टिप्पणी
इससे पहले जर्मनी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की थी जिसे लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. जर्मन दूत जॉर्ज एनजवीलर को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने तलब किया और बताया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की टिप्पणी भारत की न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप है. मंत्रालय ने कहा कि कोई भी ‘पूर्वाग्रह वाली पूर्वधारणा’ बिल्कुल गैरजरूरी है.

गौरतलब है कि जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का संज्ञान लिया था. जर्मन अधिकारी ने कहा था, ‘हमारा मानना है और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़े मानक और मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांत भी इस मामले में लागू होंगे.’

21 मार्च को किया गया केजरीवाल को गिरफ्तार
बता दें आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक्साइज पॉलिसी से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वह 28 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं.

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है. इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था.

(फोटो साभार - ANI)

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