Delhi CM: अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं, क्या बोले संविधान विशेषज्ञ?
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Delhi CM: अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं, क्या बोले संविधान विशेषज्ञ?

CM Kejriwal News: संविधान विशेषज्ञ के मुताबिक राज्य में संविधान मशीनरी की रिपोर्ट राज्यपाल या उप राज्यपाल देता है. ऐसे में यह भी देखना होगा की बनी परिस्थितियों में उपराज्यपाल क्या रुख अपनाते हैं.

Delhi CM: अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं, क्या बोले संविधान विशेषज्ञ?

Arvind Kejriwal Arrested: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने जेल भेज दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या केजरीवाल सीएम पद पर रहेंगे या नहीं रहेंगे. शुक्रवार को ईडी ने केजरीवाल को पीएमएलए कोर्ट में पेश करके 10 दिनों की रिमांड की मांग की. इसी बीच संविधान विशेषज्ञ और सुप्रीम कार्ट के वरिष्ठ वकील अश्वनी दुबे का कहना है कि भारत के कानून में कोई ऐसा प्रावधान तो नहीं है की जिससे अगर किसी मुख्यमंत्री को रिमांड या फिर जेल भेजा जाता है तो उसका पद चला जाएगा... पद People''s Representation Act के तहत तभी जाता है जब व्यक्ति को सजा मिलती है..

असल में उनका मानना है कि अरविंद केजरीवाल जेल या फिर रिमांड में रह कर मुख्यमंत्री के पद पर तो बने रह सकते हैं लेकिन सरकार चला पाएंगे और सरकार के कामकाज कर पाएंगे ये बड़ा सावल है. क्योंकि Delhi Prison Act के मुताबिक कोई भी अभियुक्त जो हिरासत में है या फिर जेल में है वो आधिकारिक कार्य जैसे Files को Sign करना नहीं कर सकता है. इसी तरह पद पर आसीन किसी मंत्री या मुख्यमंत्री की रोजाना सरकारी बैठक कराना भी Delhi Prison Act और Delhi Prison Rules के तहत संभव नहीं है.

उपराज्यपाल क्या रुख अपनाते हैं..
इतना नहीं संविधान विशेषज्ञ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी दुबे के मुताबिक राज्य में संविधान मशीनरी की रिपोर्ट राज्यपाल या उप राज्यपाल देता है. ऐसे में यह भी देखना होगा की बनी परिस्थितियों में उपराज्यपाल क्या रुख अपनाते हैं. फ़िलहाल अब जो भी है यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है. 

केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप
उधर ईडी ने अपनी रिमांड अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए सीएम अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल ने शराब कारोबारियों से चुनावों के लिए 100 करोड़ की फंडिंग मांगी थी, जिसमें 4 अलग-अलग रूट से 45 करोड़ रुपये गोवा इलेक्शन में भेजे गए थे. देशभर की निगाहें अब कोर्ट के आदेश पर है.

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