जम्मू-कश्मीर में इस साल कुल 587 आतंकी हमलो में 36 लोगों की मौत: गृह मंत्रालय
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जम्मू-कश्मीर में इस साल कुल 587 आतंकी हमलो में 36 लोगों की मौत: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को दिए लिखित जवाब में कहा है कि जम्मू कश्मीर में इस साल नवंबर तक कुल 587 आतंकी हमलों की घटनाएं हुई हैं जिसमें 36 लोगों की इन हमलों में मौत हुई हैं. 

गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि पत्थरबाजी को रोकने के लिए सरकार ने बहुआयामी नीति शुरू की.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को दिए लिखित जवाब में कहा है कि जम्मू कश्मीर में इस साल नवंबर तक कुल 587 आतंकी हमलों की घटनाएं हुई हैं जिसमें 36 लोगों की इन हमलों में मौत हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी हमले में 183 लोग घायल हुए हैं.सरकार ने पिछले तीन साल का ब्यौरा देते हुए कहा है कि पिछले साल 2018 में 614 आतंकी घटनाएं हुई, जिसमें 39 आम लोग आतंकी हमले के शिकार हुए हैं जबकि 63 लोग ऐसे हमले में घायल हुए हैं. 2016 में 322 आतंकी घटनाएं हुईं. 15 आम लोग आतंकी हमले के शिकार हुए हैं जबकि 66 लोग ऐसे हमले में घायल हुए. वहीं 2017 में 342 आतंकी घटनाएं, 40 आम लोग आतंकी हमले के शिकार हुए हैं. 99 लोग ऐसे हमले में घायल हुए हैं.

मंगलवार को गृह मंत्रालय ने लोकसभा को दिए लिखित जवाब में कहा था कि  5 अगस्त से 15 नवंबर 2019 तक पत्थरबाज़ी के 190 मामले दर्ज किए गए और 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया वहीं इस साल की शुरुआत से 4 अगस्त तक पत्थरबाज़ी के 361 मामले दर्ज किए गए. 

गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि पत्थरबाजी को रोकने के लिए सरकार ने बहुआयामी नीति शुरू की. बड़ी संख्या में परेशानी पैदा करने वालों, भड़काने वालों, भीड़ इकट्ठा करने वालों की पहचान की गई है और उनके विरुद्ध विभिन्न एहतियाती उपाय किए गए हैं जिनमें पीएसए शामिल है. गृह मंत्रालय के मुताबिक जांच से यह पता चला है कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में हुर्रियत से जुड़े विभिन्न अलगाववादी संगठन और कार्यकर्ता संलिप्त रहे हैं. NIA ने अब तक आतंकी फंडिंग के मामलों में 18 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. 

5 अगस्त से अक्टूबर 2019 के दौरान जम्मू कश्मीर में सीमा पार से नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम उल्लंघन की 950 घटनाएं रिपोर्ट की गई. सरकार के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन के  मामलों में सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल और प्रभावी जवाबी कार्रवाई की जाती है. भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर समझौता नहीं करेगा और भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी प्रयासों से निपटने के लिए निर्णय कदम उठाएगा .

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