दरअसल, असम के जोरहाट जिला के तीताबर तहसील के अंतर्गत पंचायत वार्ड संख्या 7 में मेंबर पद के लिए चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों का चुनाव चिन्ह आपस में बदल गया था.
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अंजनील कश्यप/जोरहाट: चुनावी नतीजे आने से पहले ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता पर राजनीतिक दल अक्सर ही सवालिया निशान खड़ा करते रहते हैं. साथ ही बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करते हैं. लेकिन, इन सबके बीच असम में कुछ ऐसा हुआ है जिससे बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर ही सवाल उठ खड़े हुए हैं. असम में हो रहे पंचायत चुनाव में एक अजब ही मामला सामने आया है. असम में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के दौरान बैलट पेपर पर छपाई में एक बड़ी चूक हो गई.
बैलेट पर बदल गए थे पार्टियों के चुनाव चिन्ह
दरअसल, असम के जोरहाट जिला के तीताबर तहसील के अंतर्गत पंचायत वार्ड संख्या 7 में मेंबर पद के लिए चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों का चुनाव चिन्ह आपस में बदल गया था. इस चूक के कारण उस पंचायत का चुनाव भी रद्द कर दिया गया. यहां से चुनाव लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के चुनावी निशान बैलट पेपर पर छपाई के दौरान आपस में बदल गए थे. चुनाव चिन्ह की अदला-बदली होने से गांव वालों के बीच हड़कंप मच गया.
वहीं, इस चूक को लेकर मतदाताओं ने बालीजन गांव में तैनात पीठासीन अधिकारी से अपना विरोध दर्ज करवाया. वोटरों और बीजेपी के पंचायत सदस्य की उम्मीदवार पूर्णिमा हज़ारिका कछारी के विरोध के बाद बालीजन गांव के इस पंचायत चुनाव को रद्द कर दिया गया.
पंचायत चुनाव में हो रहा है बैलेट पेपर का प्रयोग
असम में बुधवार को पंचायत चुनाव के पहले चरण में 16 जिलों में मतदान हुआ. बता दें कि असम में कुल 420 जिला परिषदों में पंचायत चुनाव के जरिए 2199 गांव पंचायत सभापति और 21990 गांव पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. इस बार असम में पंचायत चुनाव में वोटरों की संख्या में 21.49 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है. इस बार के चुनाव में कुल 1 करोड़ 56 लाख 41 हज़ार 456 मतदाता मतदान करेंगे. असम में दूसरे चरण का पंचायत चुनाव का मतदान 9 दिसम्बर को होने वाला हैं और परिणाम की घोषणा 12 दिसम्बर को की जाएगी. गौरतलब है कि असम में इस बार राजनैतिक दलों की मांग के चलते पंचायत चुनाव में ईवीएम की जगह पर बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया गया हैं.