असम सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय की 60 हजार जीवनी 1.6 करोड़ रुपये में खरीदी
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असम सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय की 60 हजार जीवनी 1.6 करोड़ रुपये में खरीदी

संस्कृति मामलों के मंत्री केशव महंत ने कहा कि सरकार ने विभिन्न पुस्तकालयों, शैक्षणिक एवं अन्य संस्थानों के लिए पुस्तकें खरीदी हैं.

भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर, 1916 को मथुरा में हुआ था.

गुवाहाटी: असम सरकार ने बुधवार को बताया कि उसने भाजपा के विचारक दीनदयाल उपाध्याय की 15 खंड की जीवनी की 60 हजार पुस्तकों को एक करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदा है.  विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया के लिखित सवाल के जवाब में संस्कृति मामलों के मंत्री केशव महंत ने कहा कि सरकार ने विभिन्न पुस्तकालयों, शैक्षणिक एवं अन्य संस्थानों के लिए पुस्तकें खरीदी हैं.

मंत्री ने कहा,‘सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर लिखी 60 हजार पुस्तकों को खरीदा है. ये पुस्तकें 15 खंडों में हैं.’ पुस्तक निदेशालय ने संस्कृति विभाग की सलाह पर 1.6 करोड़ रुपये खर्च कर ये पुस्तकें खरीदी हैं.

पुस्तकों को नई  दिल्ली के प्रकाशक प्रभात प्रकाशन से खरीदा गया है.  उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास दीनदयाल उपाध्याय की तरह दूसरी हस्तियों की जीवनी खरीदने का कोई प्रस्ताव नहीं है.’

भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर, 1916 को मथुरा में हुआ था.  पंडित दीनदयाल उपाध्याय जब अपनी स्नातक स्तर की शिक्षा हासिल कर रहे थे, उसी वक्त वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आये और वह आरएसएस के प्रचारक बन गए. 

हालांकि प्रचारक बनने से पहले उन्होंने 1939 और 1942 में संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण लिया था और इस प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें प्रचारक बनाया गया था. वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था.

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय की 102वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि.' 

इसके अलावा पीएम मोदी ने उपाध्याय पर उनके भाषण का एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने ‘अंत्योदय’ सिद्धांत पर विचारक के विचारों को रेखांकित किया था. इसमें समाज के संपूर्ण विकास के लिए कमजोर वर्ग के उत्थान का आह्वान किया गया है. 

(इनपुट - भाषा)

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