Ayodhya Deepotsav: अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं साउथ कोरिया के ये लोग, रोचक है कहानी
Advertisement
trendingNow12494863

Ayodhya Deepotsav: अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं साउथ कोरिया के ये लोग, रोचक है कहानी

Princess Suriratna: कोरियाई किवदंतियों के मुताबिक करीब दो हजार साल पहले अयोध्या की एक किशोरवय राजकुमारी सूरीरत्ना नौका से 4500 किलोमीटर का सफर तय करके कोरिया पहुंची थीं 

Ayodhya Deepotsav: अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं साउथ कोरिया के ये लोग, रोचक है कहानी

Ayodhya Diwali 2024: सीएम योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन हुआ. 2017 में इसकी शुरुआत हुई थी. इसी वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य नवनिर्मित मंदिर में भगवान श्री रामलला की प्रतिष्ठा की गई. अयोध्‍या के अतीत को यदि देखें तो इसका उत्तरी एशियाई देश दक्षिण कोरिया के बीच एक गहरा नाता जोड़ा जाता है. कोरियाई किवदंतियों के मुताबिक करीब दो हजार साल पहले अयोध्या की एक किशोरवय राजकुमारी सूरीरत्ना नौका से 4500 किलोमीटर का सफर तय करके कोरिया पहुंची थीं और वहां गया साम्राज्य की स्थापना करने वाले राजा किम सूरो के साथ विवाह किया था. इसके बाद वह राजकुमारी रानी हेओ ह्वांग ओक (Heo Hwang-ok) के नाम से प्रसिद्ध हुई थीं.

भारत में इस किवदंती से शायद ही कोई वाकिफ हो और न ही इस तथ्य से कि दक्षिण कोरिया में खुद को सूरीरत्ना का वंशज मानने वाले करीब 60 लाख लोग अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं. प्राचीन कोरियाई ग्रंथ, "सैमगुक युसा" के अनुसार, रानी हेओ ह्वांग-ओक को गिम्हे हेओ परिवारों की पूर्वज माता के रूप में माना जाता है. इस ग्रंथ में कहा गया है कि रानी 48 ईस्वी में "अयुता" से कोरिया आई थीं. वह अभी भी कारक कबीले के गिम्हे हेओ परिवारों की पूर्वज मां के रूप में पूजनीय हैं.

सरयू किनारे स्‍मारक
‘कारक’ समुदाय के अनेक सदस्य हर साल अयोध्‍या में ‘क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क’ में रानी हेओ ह्वांग ओक को श्रद्धांजलि देने के लिये उनके स्मारक पर आते हैं. इस स्मारक को 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार और दक्षिण कोरिया सरकार के परस्पर सहयोग से सरयू नदी के किनारे स्थापित किया गया था. वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन ने स्मारक के विस्तार के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

यहां ‘क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क’ 2,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है. इस पार्क में एक ध्यान कक्ष, रानी और राजा को समर्पित मंडप, रास्ते, एक फव्वारा, भित्ति चित्र और ऑडियो-वीडियो सुविधाएं उपलब्ध हैं. मंडप विशिष्ट कोरियाई शैली में टाइल वाली ढलान वाली छत के साथ बनाया गया है.

अयोध्‍या से जुड़ाव
‘सेंट्रल कारक क्लैन सोसाइटी’ के महासचिव किम चिल-सु ने अयोध्‍या में प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के वक्‍त कहा था, "अयोध्या हमारे लिए बहुत खास है क्योंकि हम इसे अपनी नानी के घर के रूप में देखते हैं." किम भी 22 जनवरी को ‘क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क’ से कुछ किलोमीटर दूर मंदिर में राम लला की नई मूर्ति के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल हुए थे.

दक्षिण कोरियाई दूतावास ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में 22 जनवरी को राम मंदिर में हुए अभिषेक समारोह के लिए भारत को बधाई दी थी. इस संदेश में कहा गया था, "यह स्थान 48 ईस्वी में अयोध्या और गया (कोरिया) के राजा किम सुरो और रानी श्रीरत्ना (हेओ ह्वांग-ओक) के बीच वैवाहिक संबंध के आधार पर कोरिया-भारत संबंधों के लिए एक बड़ा प्रतीकात्मक महत्व रखता है."

Trending news