PAK के खिलाफ युद्ध छेड़े भारत, बलुचिस्तान को आजाद कराना चाहिए : बाबा रामदेव
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PAK के खिलाफ युद्ध छेड़े भारत, बलुचिस्तान को आजाद कराना चाहिए : बाबा रामदेव

बाबा रामदेव ने कहा,‘बलुचिस्तान में जो आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें आर्थिक, राजनीतिक और हथियारों के तौर पर सभी तरह की मदद करनी चाहिए तथा बलुचिस्तान को आजाद कराना चाहिए.’

योगगुरु बाबा रामदेव (फाइल फोटो)

रायपुर: योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसके खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहिए और भारत को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) उससे वापस लेना चाहिए तथा इसके अलावा बलूचिस्तान को आजादी दिलाने में मदद करनी चाहिए.बाबा रामदेव ने कहा,‘हमें पाकिस्तान और आतंकवादियों को जवाब देना है तथा सबसे पहले हमें पाकिस्तान के तीन टुकड़े कर देना चाहिए.’

बाबा रामदेव ने कहा,‘बलुचिस्तान में जो आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें आर्थिक, राजनीतिक और हथियारों के तौर पर सभी तरह की मदद करनी चाहिए तथा बलुचिस्तान को आजाद कराना चाहिए.’

'आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया जाना चाहिए' 
रामदेव ने कहा,‘पाकिस्तान ने जो भारत में कब्जा जमाया हुआ है उस पीओके का भारत में विलय कराया जाना चाहिए. वहां जितने भी आतंकवादी शिविर चल रहे हैं उन्हें ध्वस्त किया जाना चाहिए.’ 

उन्होंने कहा,‘पाकिस्तान के भीतर जो विद्रोही हैं उन्हें भारत को मदद करके उनसे बगावत करानी चाहिए और पाकिस्तान को पूरा ध्वस्त कर देना चाहिए . अगर ऐसा नहीं किया गया तो पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत बंद नहीं करेगा .’

रामदेव ने कहा,‘अब तक हमने 50 हजार से अधिक सैनिकों और नागरिकों को खो दिया है तथा यह भारत के लिए एक बड़ा दंश और दर्द है . एक शक्तिशाली देश ने पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों के कारण अपने 50 हजार लागों को खोया है . अब हमें पाकिस्तान को सबक सिखाना है. दिन पर दिन पीड़ित होने की बजाय हम युद्ध लड़ें और पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाएं कि वह अगले पचास वर्षों तक खड़े होने की हिम्मत न कर सके.’

'राम मंदिर का निर्माण एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है'
योग गुरू ने कहा,‘अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश की अस्मिता से जुड़ा मामला है.’ उन्होंने कहा,‘राम को वह न तो वोटबैंक मानते हैं और न ही राजनीतिक मुद्दा मानते हैं. उन्होंने कहा कि राम राष्ट्र की अस्मिता हैं. राम राष्ट्र की मर्यादा है, वह हमारी आचरण की श्रेष्ठता है. राम हिंदू और मुस्लिम दोनों के पूर्वज हैं इसलिए इसमें मजहब आगे नहीं आता है. राम मंदिर तो बनना ही चाहिए और राम मंदिर बनने के साथ साथ राम और सीता जैसा चरित्र भी बने. राम मंदिर और राष्ट्र का चरित्र निर्माण होगा तब सच्चे अर्थों में देश में राम राज्य आएगा.’ 

उन्होंने कहा,‘कुंभ में तय हुआ कि राम मंदिर पर सारा राष्ट्र एक है. हमें बड़े मुददों पर एक होना चाहिए और पूरा राष्ट्र एक दिखना चाहिए. राम के नाम पर बंटवारा नहीं होना चाहिए. मै तो कहता हूं कि मुसलमानों को आगे आना चाहिए और उनको भी कहना चाहिए कि राम मंदिर बनाओ. क्योंकि राम उनके भी पूर्वज हैं. हमारे मजहब अलग अलग हो सकते हैं, हमारे पूर्वज अलग नहीं हो सकते हैं. जहां तक प्रश्न है समय की (राम मंदिर निर्माण को लेकर) उसको लेकर जरूर कश्मकश है. इसका भी समाधान निकलना चाहिए. क्योंकि इसकी पहल तो सामाजिक तौर पर ही होगी, न्यायालय से हमको आशा नहीं है.’

'राजयोग उन्हीं का होगा जो योग करेंगे'
राजनेताओं को तनावमुक्त रहने के लिए योग करने की सीख देते हुए रामदेव ने कहा,‘इस समय सारे राजनीतिक दल तनाव में हैं और राजयोग उन्हीं का होगा जो योग करेंगे. पहले नेहरू जी योग करते थे तब उनका राजयोग बहुत अच्छा था. इंदिरा जी भी योग करती थी उनका भी राजयोग बहुत अच्छा था. मोदी जी ने योग किया तो एक चाय वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन गया. योगी आदित्यनाथ ने योग किया तो देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. अब राहुल गांधी जी योग करने लगे हैं और संघर्ष बड़ा जबरदस्त हो रहा है.’ जब योग गुरू से पूछा गया कि क्या वह संकेत दे रहे हैं कि योग अभ्यास करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. तब रामदेव ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है.

(इनपुट - भाषा)

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