आतंक के आका बगदादी का अंत, हिंदुस्तान के दुश्मन नंबर 1 का खात्मा कब?
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आतंक के आका बगदादी का अंत, हिंदुस्तान के दुश्मन नंबर 1 का खात्मा कब?

अमेरिका ने ओसामा को घर में घुसकर मारा. बगदादी को उसके ही ठिकाने पर ढेर किया तो सवाल है कि क्या हाफिज और मसूद जैसे आतंकियों को खत्म करने के लिए भी इसी तरह के ऑपरेशन की जरूरत नहीं है.

बालाकोट एयरस्ट्राइक से हिंदुस्तान ये साबित कर चुका है कि खुफिया जानकारी, तकनीक और ताकत के लिहाज से हिंदुस्तान किसी से कम नहीं है .

नई दिल्ली: अमेरिका का आतंक के खिलाफ चल रहा एक और ऑपरेशन कामयाब हुआ है. अमेरिका ने जिस तरह से ओसामा बिन लादेन को खत्म किया और उसके बेटे हमजा बिन लादेन को मारा उसी तरह से अमेरिका ने बगदादी को उसके ही ठीकाने पर घेर कर ठिकाने लगा दिया. दुनिया के टॉप आतंकियों को मारने के लिए अमेरिका की सेना उस जगह तक पहुंची जहां ये आतंकी खुद को सबसे ज्यादा सुरक्षित समझते थे. 

अमेरिका ने ओसामा को घर में घुसकर मारा. बगदादी को उसके ही ठिकाने पर ढेर किया तो सवाल है कि क्या हाफिज और मसूद जैसे आतंकियों को खत्म करने के लिए भी इसी तरह के ऑपरेशन की जरूरत नहीं है. बगदादी पांच सालों से अमेरिका के साथ आंख मिचौली का खेल खेलता रहा लेकिन अमेरिका ने बगदादी का पीछा नहीं छोड़ा और शनिवार को बगदादी को खत्म कर दिया गया.

बालाकोट एयरस्ट्राइक से हिंदुस्तान ये साबित कर चुका है कि खुफिया जानकारी, तकनीक और ताकत के लिहाज से हिंदुस्तान किसी से कम नहीं है . भारत जब चाहे आतंकियों के ठिकाने को तबाह कर सकता है ठीके वैसे ही जैसे अमेरिका ने किया है. बगदादी की तरह ही हाफिज सईद और मसूद अज़हर जैसे आतंकी सालों से खुफिया एजेंसियों से छिपते हुए पाकिस्तान में अलग अलग ठिकानों पर रहे रहे हैं . लेकिन अब वो वक्त आ गया है जब आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में हाफिज और मसूद का भी बगदादी वाला अंजाम हो . 

अमेरिका ने बगदादी को खत्म करने के लिए अपनी खुफिया एजेंसी का सबसे अधिक इस्तेमाल किया. सटीक खुफिया जानकारी की वजह से ही अमेरिका के कुछ कमांडो बगदादी के ठिकाने तक पहुंचे और उसे खत्म कर दिया गया. भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी ऐसी प्लानिंग की थी और आतंकियों के अड्डे पर जाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया. बगदादी को मारने के लिए अमेरिका ने ऑपरेशन का नाम कायला म्यूलर रखा था . आपको इस ऑपरेशन की पूरी कहानी बताएं उससे पहले जान लीजिए कायला म्यूलर नाम क्यों रखा गया. 

अमेरिकान ने ऑपरेशन का नाम कायला म्यूलर रखा था. कायला म्यूलर अमेरिका की मानवाधिकार कार्यकर्ता थीं. 2013 में बगदादी ने कायला का अपहरण कर लिया था. बगदादी ने कायला को कई दिनों तक यातनाएं दी थीं. 2015 में ISIS की कैद में ही कायला की मौत हो गई. इसी कायला की मौत का बदला लेने के लिए अमेरिका ने बगदादी के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन का सीक्रेट नाम कायला म्यूलर रखा था. बगदादी की कैद में कायला जिस तरह से तड़प रही थी अमेरिका ने बगदादी को भी उसी तरह से तड़पाया . कायला जिस तरह टॉर्चर के दौरान चीखती थी अमेरिका ने बगदादी को भी उसी तरह चीखने के लिए मजबूर कर दिया.

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