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नई दिल्ली: महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों में से एक ‘अबाइड विद मी’ (Abide With Me) की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह (Beating Retreat Ceremony 2022) से हटा दिया गया है. भारतीय सेना की ओर से शनिवार को जारी कार्यक्रम की विवरण पुस्तिका से इसकी जानकारी मिली.
स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट ने 1847 में ‘अबाइड विद मी’ (Abide With Me) को लिखा था. देश के आजाद होने के बाद वर्ष 1950 से यह गीत ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह (Beating Retreat Ceremony 2022) का हिस्सा रहा है. बीटिंग रिट्रीट समारोह का समापन अब तक इसी गीत से होता रहा है. हालांकि अब इसे समारोह से हटा दिया गया है. विवरण पुस्तिका के मुताबिक इस साल के समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ (Saare Jahan Se Achcha) की धुन के साथ होगा.
विवरण पुस्तिका में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है, जो इस साल बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat Ceremony 2022) में विजय चौक पर बजाई जाएंगी. इनमें ‘हे कांचा’, ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नृत्य सरिता’, ‘विजय जोश’, ‘केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचिन’, ‘हाथरोई’, ‘विजय घोष’, ‘लड़ाकू’, ‘स्वदेशी’, ‘अमर चट्टान’, ‘गोल्डन एरोज’ और ‘स्वर्ण जयंती’ शामिल हैं.
विवरण पुस्तिका के मुताबिक इस बार के बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat Ceremony 2022) में ‘वीर सैनिक’, ‘फैनफेयर बाय बगलर्स’, ‘आईएनएस इंडिया’, ‘यशस्वी’, ‘जय भारती’, ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भी उन 26 धुनों का हिस्सा हैं, जिन्हें 29 जनवरी की शाम को बजाया जाएगा.
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बताते चलें कि ‘बीटिंग रिट्रीट’ (Beating Retreat Ceremony) सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है. यह उन दिनों से चली आ रही है, जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे. बिगुल की धुन बजने के साथ ही सैनिक लड़ना बंद करके अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे.
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