बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने मुस्लिमों के नाम पर कुछ सड़कों के नामकरण के कथित कदम को 'द्विराष्ट्र की सोच वाला सांप्रदायिक सिद्धांत' करार दिया है. इस संबंध में उन्होंने बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका के आयुक्त एन मंजूनाथ प्रसाद को पत्र लिखकर गैर मुस्लिम महापुरुषों और देशभक्तों के नाम से सड़कों का नामकरण करने की बात कही.
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बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) ने गुरुवार को अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मुस्लिमों के नाम पर कुछ सड़कों के नामकरण के कथित कदम को 'द्विराष्ट्र की सोच वाला सांप्रदायिक सिद्धांत' बताया और बेंगलुरु (Bengaluru) निगम से गैर मुस्लिम महापुरुषों के नाम पर विचार करने को कहा है.
सूर्या ने बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका (BBMP) के आयुक्त एन मंजूनाथ प्रसाद को पत्र लिखकर कहा है कि गैर मुस्लिमों के नाम पर सड़क का नामकरण होना चाहिए. बीबीएमपी ने केवल मुस्लिमों के नामों का सुझाव दिया है. ऐसे में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सड़कों का नामकरण मुस्लिमों के नाम पर करना द्विराष्ट्र सिद्धांत वाली सोच है. यह उसी तरह की सांप्रदायिक सोच है, जब मुस्लिम लीग ने हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग मतदाता सूची की मांग की थी. यह खतरनाक विचार है और इसकी निंदा होनी चाहिए.
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सांसद ने कहा कि गैर मुस्लिम महापुरुषों और देशभक्तों की कमी नहीं है और उन्हीं नामों में से सड़कों का नामकरण होना चाहिए. उन्होंने आयुक्त से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. सूर्या ने प्रसाद को भेजे अपने पत्र में कहा है, ‘मैं आपसे तुरंत सूची को संशोधित करने और नामों को लेकर व्यापक चर्चा के बाद ही सड़कों का नामकरण किए जाने का अनुरोध करता हूं.’
इससे पहले विवाद तब शुरू था जब BBMP ने शहर के इंदिरानगर में 100 फुट चौड़ी सड़क का नामकरण लोक कला के नामी विशेषज्ञ डॉ. एस के करीम खान के नाम पर करने का फैसला किया था. भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर सड़क का नामकरण करने की मांग की. हालांकि, नगर निगम ने 2006 में डॉ. खान के नाम पर सड़क का नामकरण करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर दिया था.
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