Bihar Flood: बिहार में गंगा का रौद्र रूप! कई जिलों में बाढ़ का खतरा गहराया, लाखों लोग प्रभावित
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Bihar Flood: बिहार में गंगा का रौद्र रूप! कई जिलों में बाढ़ का खतरा गहराया, लाखों लोग प्रभावित

Bihar Flood: बिहार के कई जिलों में गंगा नदी का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. जिसकी वजह से हालात बद से बदतर हो गए हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (20 सितंबर) को हवाई सर्वेक्षण किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Ganga River Water Level: बिहार में गंगा नदी में आए उफान के कारण कई जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बेगूसराय में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ का खतरा लोगों के बीच देखने को मिल रहा है. बाढ़ के पानी गांव में प्रवेश कर जाने के बाद लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर रहने को मजबूर है.बाढ़ के तबाही से हालात बद से बदतर हो गई है. यहां गंगा अपने रौद्र रूप में आ चुकी है, जिसकी चपेट में गांव के गावं हर दिन आते जा रहे हैं. यहां लाखों लोग सुरक्षित ठिकानों पर जैसे-तैसे पलायन करने को मजबूर है. वहीं लगातार बढ़ रहे जलस्तर से न सिर्फ एक गावं का दूसरे गावं से संपर्क टूट चुका है, बल्कि पूरा इलाका टापू में तब्दील हो गया है.

गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसके चलते बेगूसराय के डीएम तुषार सिंगला ने तेघड़ा प्रखंड बाढ़ क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान डीएम तुषार सिंगला ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उसे हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. डीएम तुषार सिंगला ने बताया है कि कुछ दिनों से गंगा में जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. इसके वजह से गंगा से सटे गांव में बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश कर चुका है. उसी को लेकर आज उसे बाढ़ क्षेत्र गांव में निरीक्षण किए हैं. उन्होंने कहा है की बाढ़ पीड़ित के लिए सरकारी जो सुविधा होती है, उसे सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने का लगातार जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया है कि तेघड़ा प्रखंड मे बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक कमेटी किचन सुविधा दी गई है और नाव की भी व्यवस्था की गई है.

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 उन्होंने लोगों से अपील किया है कि कुछ दिनों के लिए पानी से निकालकर अपने अपने घरों में सुरक्षित रहें और अगर घर में पानी है, तो वह लोग ऊंचे स्थान पर रहें ताकि वह सुरक्षित रहें. उधर भागलपुर जिले में गंगा का विकराल रूप जारी है गंगा का जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि नीचे इलाके के साथ-साथ शहर में भी गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. यहां प्रोफेसर के क्वार्टर में कमर तक पानी भरा है. जलस्तर बढ़ता देख क्वार्टर को खाली कराया जा रहा है. वहीं कई प्रोफेसर अभी भी क्वार्टर में ही फंसे हैं. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आवास, प्रति कुलपति आवास और कुलसचिव के आवास में भी पूरी तरह से पानी फैल गया है. इससे कई प्रोफेसर जलकैदी बन गए हैं. उनका कहना है कोई मदद उन तक नहीं पहुचाई गइ है. कुलपति उनका फोन भी नहीं उठाते हैं. 

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गंगा नदी में आए उफान के कारण पटना और वैशाली जिला के तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (20 सितंबर) को हवाई सर्वेक्षण किया, साथ ही बाढ़ आने पर प्रभावितों को पूरी सहायता का अधिकारियों को निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स और फूड पैकेट्स की व्यवस्था रखें. जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में पूरी व्यवस्था रखें जिससे कि लोगों को तुरंत राहत पहुंचाया जा सके.

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